बीजेपी के साथ बनाई नई सरकार में डिप्टी सीएम बने अजित पवार को वापस लाने के लिए अब NCP और शिवसेना के बीच 50-50 फॉर्मूले पर सहमति बन रही है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि दोनों पार्टियां ढाई-ढाई साल सरकार चलाने के लिए राजी हो गई हैं. इससे पहले एनसीपी के नेता छगन भुजबल को अजित पवार को मनाने के लिए उनके घर भी गए थे. गौरतलब है कि शिवसेना नेता संजय राउत बीते दो दिनों से उम्मीद जता रहे थे कि अजित पवार वापस आ जाएंगे. संजय राउत यह भी दावा कर रहे थे कि अजित पवार को ब्लैकमेल किया गया है. आपको बता दें कि एनसीपी के विधायकों को मुंबई के होटल में रेन्सां होटल में रखा गया है लेकिन अब उन्हें मुंबई एयरपोर्ट के नजदीक हयात होटल में शिफ्ट किया जाएगा. सूत्रों का कहना है कि उन्हें इसलिए यहां लाया जा रहा है क्योंकि यहां पर ज्यादा कोई उन्हें 'परेशान' नहीं कर पाएगा. वहीं ललित होटल में शिवसेना और मैरिऑट में कांग्रेस के विधायकों को टिकाया गया है. एनसीपी का कहना है कि उसके पास 50 विधायक हैं. बाकी बचे चार भी मुंबई आ रहे हैं. वहीं बीजेपी का दावा है कि उसके पास एनसीपी के सभी 54 विधायकों का समर्थन है.
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वहीं महाराष्ट्र में बड़े राजनीतिक दलों के सत्ता के गणित को अपने पक्ष में करने की कोशिशों के बीच सभी की निगाहें 13 स्वतंत्र विधायकों और छोटे दलों के 16 विधायकों पर भी टिकी हैं. ये विधायक 288 सदस्यों वाले सदन में बहुमत के लिए जरूरी 145 विधायकों के आंकड़े को पाने में अहम साबित होंगे. कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन को लेकर बातचीत कर रही शिवसेना का दावा है कि अपने 56 विधायकों के अलावा उसे सात विधायकों का समर्थन हासिल है. वहीं राज्य में 105 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी भाजपा का दावा है कि उसे 14 अन्य विधायकों का समर्थन हासिल है. हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि कितने विधायक अजित पवार के साथ हैं.
लेकिन अगर 50-50 फॉर्मूले वाली बात पर अजित पवार लौट आते हैं तो एक फिर Congress-NCP और शिवसेना मिलकर आसानी से सरकार बना लेंगी.
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