उत्तर प्रदेश के कद्दावर मंत्री आजम खान ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले के मुख्य मुद्दई हाशिम अंसारी के पीछे हटने पर गुरुवार को कहा कि बाबरी मस्जिद एक्शन कमिटी के किसी भी सदस्य या फिर बाबरी मस्जिद के मुकदमे की पैरवी कर रहा कोई भी व्यक्ति खुद को पैरवी से अलग कर ले, फिर भी मुकदमे की पैरवी पर कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है।
उन्होंने कहा कि इस मुकदमे में देश की 125 करोड़ आबादी में से कोई भी एक अल्लाह का बंदा जरूर मिल जाएगा, जो इसकी पैरवी करेगा।
आजम खान ने कहा कि जहां तक हाशिम अंसारी की नाराजगी का सवाल है तो इस बाबत किसी को कोई जानकारी नहीं है।
बकौल आजम, "यह हैरानी की बात है कि एक व्यक्ति जो पूरी शिद्दत के साथ खड़ा रहा और लगातार पैरवी करता रहा, उसके सामने अब ऐसी कौन सी बात आ गई कि वह कमजोर पड़ गया और अपना कदम पीछे खींच लिया। .. अंसारी की इस नाराजगी की कोई न कोई पृष्ठभूमि जरूर है।"
हाशिम ने कहा था कि बाबरी मस्जिद की पैरवी के लिए एक्शन कमेटी बनी थी और आजम खान उसके कन्वेनर (संयोजक) बनाए गए थे। अब सियासी फायदा उठाने के लिए वे मुलायम के साथ चले गए। एक्शन कमेटी के जितने लीडर थे, उन सभी को उन्होंने पीछे छोड़ दिया।
हाशिम ने कहा था, "मुकदमा हम लड़ें और सियासी फायदा आजम उठाएं! यह नहीं चलेगा, मैं अब बाबरी मस्जिद मुकदमे की पैरवी नहीं करूंगा। इसकी पैरवी अब आजम करें।"
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