कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने आज कोरोना संक्रमण को लेकर पीएम मोदी की तीखी आलोचना की और कोविड की तीसरी लहर को लेकर सरकार को चेताया. राहुल की इस वर्चुअल कॉन्फ्रेंस के बाद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि 'ज्ञानी बाबा' माननीय प्रधानमंत्री को ज्ञान के मोती बांट रहे हैं, लेकिन उन्हें आत्मनिरीक्षण की जरूरत है. स्मृति ने एक के बाद एक ट्वीट में कोरोना को लेकर कांग्रेस शासित राज्यों की स्थिति को लेकर सवाल किए.
कांग्रेस शासित राज्यों में कोरोना की स्थिति को लेकर स्मृति ने किया वार
स्मृति ईरानी ने आरोप लगाया कि कोरोना की दूसरी लहर कांग्रेस शासित राज्यों से ही शुरू हुई और उनकी ही पार्टी द्वारा शासित राज्यों में सबसे अधिक संक्रमण के मामले और मृत्यु दर रही, हालांकि उन्होंने किसी राज्य का नाम नहीं लिया. उन्होंने आगे सवाल किया कि किसने विकेंद्रीकरण किया और फिर यू टर्न लिया. टीकाकरण के मामले में भी कांग्रेस शासित राज्यों ने खराब प्रदर्शन किया जबकि भारत ने विश्व रिकॉर्ड बनाया. स्मृति ईरानी ने कहावत का भी जिक्र किया. कहावत है ‘दीया तले अंधेरा' - समझ जाये तो बेहतर है.
राहुल गांधी ने कोविड पर जारी किया था व्हाइट पेपर
बता दें कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज कोरोना की तीसरी लहर को लेकर केंद्र सरकार को चेताया. कोविड पर व्हाइट पेपर जारी करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि कोविड से देश को जो दर्द पहुंचा ये पूरा देश जानता है. ये श्वेत पत्र हमने डिटेल में तैयार किया है. इसका लक्ष्य फिंगर प्वाइंटिंग नहीं है. हम इन गलतियों को इसलिए जारी कर रहे हैं ताकि आने वाले समय में इसे ठीक किया जा सके.
उन्होंने कहा कि पहली लहर के दौरान वैज्ञानिकों ने दूसरी लहर की बात की थी, लेकिन सरकार की तैयारी उस हिसाब से नहीं रही. आज भी हम वहीं खड़े हैं. दुनिया को पता है कि तीसरी लहर आने जा रही है. हम कह रहे हैं कि सरकार को तीसरी लहर के लिए पूरी तैयारी करनी चाहिए. हमारा लक्ष्य ये है पहली और दूसरी लहर में जो कोविड मैनेजमेंट विनाशकारी रहा है, ऑक्सीजन और दवा की जिस तरह की किल्लत रही, अब तक वो आगे नहीं होना चाहिए.
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की ओर से गरीबों को आर्थिक मदद दी जानी चाहिए और कोविड प्रभावित परिवारों को मदद देने के लिए कोविड मुआवजा कोष स्थापित करना चाहिए. उन्होंने सरकार को आगाह करते हुए कहा कि पूरा देश जानता है कि तीसरी लहर आने वाली है. वायरस अपना स्वरूप बदल रहा है इसलिए हम भी सरकार से आग्रह कर रहे हैं कि वह तैयारी करे. तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए सरकार ऑक्सीजन बेड और दवाओं समेत दूसरी जरूरतों को पूरा करके रखे. इसके साथ ही उन्होंने तीव्र गति से टीकाकरण पर भी जोर देने की बात की.
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