केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण फैलने से पैदा हुई स्थिति अहमदाबाद, सूरत, हैदराबाद और चेन्नई सहित बड़े या उभरते हॉटस्पॉट इलाकों में खास तौर पर गंभीर है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि देश के कुछ हिस्सों में लॉकडाउन दिशानिर्देशों का उल्लंघन पाया जाना लोगों के स्वास्थ्य के लिये एक गंभीर खतरा है और इसकी वजह से कोरोना वायरस संक्रमण फैल सकता है. बयान में कहा गया है, ‘‘बड़े हॉटस्पॉट जिलों या उभरते हॉटस्पॉट शहरों, जैसे कि अहमदाबाद और सूरत (गुजरात), ठाणे (महाराष्ट्र), हैदराबाद (तेलंगाना) और चेन्नई (तमिलनाडु) में स्थिति विशेष रूप से गंभीर है.''उल्लेखनीय है कि ‘हॉटस्पॉट' कोरोना वायरस से अत्यधिक प्रभावित क्षेत्र को कहा जा रहा है.
केंद्र सरकार ने देश में कोविड-19 हॉटस्पॉट जिलों में जमीनी स्थिति का जायजा लेने के लिये 10 अंतर-मंत्रालयीय केंद्रीय टीम (आईएमसीटी) गठित की है. इनमें से पांच टीमें अहमदाबाद, सूरत (दोनों गुजरात में), ठाणे (महाराष्ट्र), हैदराबाद (तेलंगाना) और चेन्नई (तमिलनाडु) में मुआयना कर रही हैं. वहीं, पहले गठित की गई टीमें मुंबई, पुणे (दोनों महाराष्ट्र में), इंदौर (मध्य प्रदेश), जयपुर (राजस्थान) और पश्चिम बंगाल (कोलकाता और उससे लगे जिलों के लिये एक टीम तथा दूसरी टीम उत्तर बंगाल) के लिये हैं. गृह मंत्रालय ने कहा कि देश के कुछ जिलों में लॉकडाउन दिशानिर्देशों के उल्लंघन के कई मामले सामने आये हैं, जिनसे स्वास्थ्य को गंभीर खतरा पैदा हो रहा है और कोरोना वायरस संक्रमण फैलने का खतरा भी उत्पन्न हो रहा है. इस तरह, ये उल्लंघन आम लोगों के हितों के खिलाफ हैं.
मंत्रालय ने कहा, ‘‘इन उल्लंघनों में अग्रिम मोर्चे पर तैनात स्वास्थ्यकर्मियों से हिंसा, पुलिसकर्मियों पर हमले, बाजारों में सामाजिक मेल जोल से दूरी और पृथक-वास स्थापित करने का विरोध आदि शामिल है.'' मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि यदि इस तरह की घटनाएं हॉटस्पॉट जिलों या उभरते हॉटस्पॉट स्थलों में या संक्रमण के अत्यधिक प्रसार संभावित इलाकों में बगैर किसी रोक-टोक के जारी रहने दी गई तो यह देश के लोगों के स्वास्थ्य के लिये एक गंभीर खतरा पैदा करेंगी. आईएमसीटी केंद्र सरकार की विशेषज्ञता का उपयोग करेगी और कोविड-19 के प्रसार को प्रभावी रूप से रोकने तथा संक्रमण से निपटने की राज्यों की कोशिशों को मजबूत करेगी. मंत्रालय ने कहा कि ये टीमें मौके पर स्थिति का आंकलन करेगी और इसके समाधान के लिये राज्य प्राधिकारों को आवश्यक निर्देश जारी करेंगी तथा आम आदमी के व्यापक हित में अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपेंगी.
आईएमसीटी कई मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेंगी, जिनमें आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत जारी दिशानिर्देशों के मुताबिक लॉकडाउन का अनुपालन एवं क्रियान्वयन कराना, आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित कराना, घरों से बाहर लोगों की आवाजाही में उनके बीच दूरी रखवाना, स्वास्थ्य सुविधाओं, अस्पतालों के बुनियादी ढांचे की तैयारियां तथा जिले में आंकड़े एकत्र करना आदि शामिल हैं. बयान में कहा गया है कि ये टीमें स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा, जांच किट, पीपीई (निजी सुरक्षा उपकरण) और अन्य सुरक्षा उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करना तथा मजदूरों एवं गरीब लेागों के लिये राहत शिविरों की दशा आदि भी देखेंगी.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं