विज्ञापन
This Article is From Apr 06, 2016

वैश्विक रक्षा व्यय 2015 में बढ़ा : फ्रांस और जापान से आगे रहा भारत

वैश्विक रक्षा व्यय 2015 में बढ़ा : फ्रांस और जापान से आगे रहा भारत
प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली: साल 2011 के बाद पहली बार साल 2015 में वैश्विक रक्षा व्यय बढ़कर करीब 17 खरब डालर पहुंच गया जिसका मुख्य कारण आईएसआईएस के खिलाफ युद्ध, यमन में सउदी की अगुवाई में कार्रवाई तथा दक्षिणी चीन सागर में चीन के विस्तार सहित विभिन्न संघर्ष रहे। इस बीच भारत का हथियारों पर खर्च फ्रांस, जर्मनी एवं जापान से अधिक रहा।

स्टाकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (एसआईपीआरआई) के एक अध्ययन के अनुसार क्रीमिया का रूस में विलय तथा यूक्रेन के अलगाववादियों को उसके समर्थन ने भी रक्षा व्यय को बढ़ाने में योगदान दिया है। वर्ष 2014 की तुलना में वास्तविक स्तर पर रक्षा व्यय में एक प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

वैश्विक सैन्य व्यय में एक प्रतिशत की वृद्धि
संस्थान ने कहा, ‘2015 में वैश्विक सैन्य व्यय एक प्रतिशत बढ़ा। यह 2011 के बाद पहली बार सैन्य व्यय में हुई वृद्धि है। इसमें एशिया एवं ओसियानिया, मध्य एवं पूर्वी यूरोप तथा कुछ पूर्व एशियाई देश शामिल हैं।’ उसने यह भी कहा कि अमेरिका 2015 में विश्व का सबसे बड़ा व्यय करने वाला देश बना रहा हालांकि उसका व्यय 2.4 प्रतिशत घटकर 59.6 अरब डालर बना रहा। चीन का व्यय 7.4 प्रतिशत बढ़कर 215 अरब डालर, सउदी अरब का 5.7 प्रतिशत बढ़कर 87.2 अरब डालर और रूस का 7.5 प्रतिशत बढ़कर 66.4 अरब डालर हो गया। सउदी अरब का सैन्य व्यय दुनिया में तीसरा सबसे अधिक रहा।

भारत की भागीदारी 3.1 प्रतिशत
वैश्विक सैन्य व्यय में भारत की भागीदारी 3.1 प्रतिशत रही जो फ्रांस (तीन प्रतिशत), जापान (2.4 प्रतिशत) एवं इस्राइल (एक प्रतिशत) से अधिक थी। दिलचस्प है कि भारत इन तीनों देशों से नए सैन्य साजोसामान के बारे में बातचीत कर रहा है और ऐसे सौदे अरबों डालर में होंगे।

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
वर्ष 2015 में सैन्य व्यय, वैश्विक सैन्य व्यय एक प्रतिशत बढ़ा, भारत में रक्षा व्यय बढ़ा, स्टाकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट, SIPRI, Defence, Global Military Spending Rises
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com