
- दुश्मनों के हमले को विफल करने के लिए मिशन सुदर्शन चक्र शुरू करेगा भारत
- इस मिशन के तहत देश के बेहद अहम स्थलों के लिए नया सुरक्षा कवच दिया जाएगा
- 2035 तक इस योजना को पूरा करने का टारगेट रखा गया है, जो युद्ध में काफी अहम होगा
What is Sudarshan Chakra: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस पर शुक्रवार को लाल किले की प्राचीर से बड़ा ऐलान किया. पीएम मोदी ने कहा कि भारत सुदर्शन चक्र मिशन लॉन्च करेगा. मिशन 'सुदर्शन चक्र' पावरफुल वेपन सिस्टम होगा, जो देश के अहम सामरिक स्थलों के लिए सुरक्षा कवच का काम करेगा. अगले 10 सालों के भीतर ये स्वदेशी प्लेटफॉर्म तैयार होगा. पीएम मोदी ने कहा, ये न केवल सुरक्षा चक्र का काम करेगा बल्कि दुश्मन के हमले नाकाम कर पलटवार भी करेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अगले 10 साल यानी 2035 तक देश के प्रमुख स्थलों, सामरिक और नागरिक क्षेत्रों और धार्मिक केंद्रों को टेक्नोलॉजी के नए प्लेटफॉर्म से सुरक्षा का कवच दिया जाएगा.
माना जा रहा है कि दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों से लेकर पंजाब-राजस्थान-गुजरात तक सीमावर्ती इलाकों में भी ये डिफेंस सिस्टम मजबूत दीवार बनेगा. देश के महत्वपूर्ण सैन्य संस्थान, रेलवे स्टेशन, मेट्रो स्टेशन से लेकर पुल-सुरंग तक ये अहम डिफेंस नेटवर्क तैयार होगा. इस सुरक्षा कवच लगातार विस्तार किया जाएगा ताकि देश का हर नागरिक सुरक्षित महसूस करे. ये नया सुरक्षा कवच ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की सैन्य तैयारियों को मजबूत करने की दिशा में कदम है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने न केवल पाकिस्तान के आतंकी अड्डों को तबाह किया था, बल्कि उसकी हिमाकत का जवाब देते हुए उसके सैन्य अड्डों को भी ध्वस्त किया था. पाकिस्तान की मिसाइलें भारत के अभेद्य सुरक्षा कवच को भेद नहीं पाई थीं. एस-400, पिनाका और आकाश मिसाइल सिस्टम ने भारत के मजबूत रक्षा कवच का परिचय दिया था.
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, श्रीकृष्ण से प्रेरणा पाकर उनका जो सुदर्शन चक्र था, हमने उस राह को चुना है. महाभारत की लड़ाई में श्रीकृष्ण ने अपने सुदर्शन चक्र से सूर्य के प्रकाश को रोक दिया था और दिन में ही अंधेरा कर दिया था. उस समय जयद्रथ का वध करने की अपनी शपथ को अर्जुन पूर्ण कर पाए थे. वह सुदर्शन चक्र के पराक्रम और रणनीति का परिणाम था. अब देश सुदर्शन चक्र मिशन लॉन्च करेगा.
साल 2035 तक इस योजना को पूरा
प्रधानमंत्री ने कहा कि 'सुदर्शन चक्र' मिशन 10 सालों के भीतर अभेद्य डिफेंस प्लेटफॉर्म तैयार करेगा. हम अगले 10 साल में इसे तेजी से आगे बढ़ाना चाहते हैं. इस आधुनिक सिस्टम के लिए रिसर्च, डेवलपमेंट और मैन्युफैक्चरिंग भारत में ही होगी और इसमें देश के नौजवानों का टैलेंट काम आएगा. एक ऐसी तकनीक होगी, जो युद्ध के हालातों के हिसाब से 'प्लस-वन' स्ट्रैटेजी वर्कआउट करेगी. सुदर्शन चक्र टारगेट और एक्शन दोनों काम करेगा. स्वदेशी रक्षा प्रणाली पर जोर देते हुए उन्होंने युद्ध के बदलते तौर-तरीकों को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया.
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