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This Article is From Sep 21, 2011

सिक्किम में हर तरफ भूकंप से तबाही के निशान

गैंगटोक: सिक्किम के दूरदराज के इलाकों तक जैसे-जैसे बचाव टीमें पहुंच रही हैं, भूकंप से मची तबाही बड़ी होती नजर आ रही है। राजधानी गैंगटोक से करीब 65 किलोमीटर दूर मंगन का रास्ता खुलने के बाद वहां राहत और बचाव का काम शुरू हो चुका है। सेना और बचावकर्मी मलबा हटाने और घायलों को अस्पताल पहुंचाने में जुटे हैं। इस ऑपरेशन में सेना के हेलीकॉप्टर भी जुटे हुए हैं। सिक्किम में भूकंप से मरने वालों का आंकड़ा 60 के करीब पहुंच गया है, जबकि अब भी बड़ी संख्या में लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है। सबसे ज्यादा प्रभावित चुंगथांग में आज 22 शव बरामद हुए हैं। प्रभावित इलाकों का दौरा करके आए वहां के विधायक टी डब्ल्यू लेपचा ने एनडीटीवी को बताया कि इनमें से ज्यादातर शव तीस्ता पनबिजली परियोजना के इलाके में मिले हैं। सेना और नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट की टीमें राहत और बचाव के काम में जुटी हैं, लेकिन जमीन खिसकने से कई अहम रास्ते अभी भी बंद हैं, जिससे राहत और बचाव अभियान में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। हजारों लोग अभी भी फंसे हुए हैं और वे बचाव दल के पहुंचने का इंतज़ार कर रहे हैं। भूकंप प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों और घायलों को हेलीकॉप्टर से निकाला जा रहा है। सेना के हेलीकॉप्टर भूकंप प्रभावित इलाकों से घायलों को लेकर सिलीगुड़ी के पास बेंग−डुबी के बेस अस्पताल पहुंचा रहे हैं, ताकि घायलों का तुरंत इलाज शुरू हो सके। बेस अस्पताल में बड़ी संख्या में लोग भर्ती हैं। भूकंप से सर्वाधिक प्रभावित इलाकों में से एक लाचूंग गांव से सेना ने हेलीकॉप्टर के जरिए नार्वे के दो लोगों सहित 35 पर्यटकों को सुरक्षित निकाल लिया। सेना के सूत्रों ने बताया कि हेलीकॉप्टर के जरिए जिन लोगों को सुरक्षित निकाला गया, उनमें से 16 घायल थे। कुछ घायल पर्यटकों को यहां रिंगजिम से हेलीकॉप्टर के जरिए निकाला गया। बचाव कार्य का समन्वय देख रहे पालजोर लाचूंगपा ने बताया कि लाचेन इलाका अभी कटा हुआ है तथा आज चुंगथांग से और भी पर्यटकों को हेलीकॉप्टर से बाहर ले जाया जा सकता है। पर्यटक सदमे की स्थिति में हैं।

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सिक्किम, भूकंप, 58 लोग, मरे