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This Article is From Aug 08, 2015

देखें, 'सियाचिन पायनियर्स' ने खराब मौसम के बीच विदेशी सैलानियों को कैसे बचाया

देखें, 'सियाचिन पायनियर्स' ने खराब मौसम के बीच विदेशी सैलानियों को कैसे बचाया
नई दिल्ली: बेहद खराब मौसम में भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर ने लेह से 21 ब्रिटिश और एक फ्रांसीसी नागरिक को बचाया। यह घटना छह और सात अगस्त की है जब लद्दाख की नुब्रा, सिंधु, श्याक और उनकी सहायक नदियां पांच दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश से खतरे के निशान से ऊपर बह रही थीं। सड़क और दूरसंचार व्यवस्था भी ठप थी। ऐसे मुश्किल हालात में हमेशा की तरह सियाचिन पायनियर्स ने मुसीबत में फंसे लोगों को बाहर निकालने की जिम्मेदारी संभाली।
 

छह अगस्त को लेह में शाम चार बजे वायुसेना स्टेशन को सूचना मिली कि ब्रिटिश नागरिकों का एक दल मारखा घाटी में फंस गया है, जिनमें से कुछ अस्थमा के मरीज हैं। उनके सही ठिकाने और घायलों के बारे में भी पक्की जानकारी नहीं थी। नागरिक प्रशासन की ओर से जो जानकारी मिली थी, घटनास्थल उससे 50 नॉटिकल माइल्स दूर था।
 

हालात को देखते हुए बचाव और राहत अभियान जल्द से जल्द शुरू करना था। पहले दो हेलीकॉप्टर कमांडिंग ऑफिसर विंग कमांडर बीएस सेहरावत और फ्लाइट लेफ्टिनेंट चिराग तथा इनफॉर्मेशन लीडर और विंग कमांडर के एस नेगी और स्क्वाड्रिन लीडर वी चौहान की अगुवाई में भेजे गए।
 

जब बचाव और राहत अभियान के लिए हेलीकॉप्टर के उड़ान भरने की तैयारी हो रही थी, तभी क्रू मेंबर को लगा कि एक तो शाम हो रही है और वहीं मौसम भी खराब हो रहा है। ऐसे में उड़ान भरना खतरनाक हो सकता है। बावजूद इसके शाम पौने पांच बजे हेलीकॉप्टर ने उड़ान भरी, उस हालत में जबकि उनके पास मारखा घाटी की थोड़ी बहुत ही जानकारी उपलब्ध थी।
 

दस मिनट की खोजबीन के बाद पायलट ने ट्रैकर्स को थिनलेसवा गांव में एक नदी के किनारे ढ़ूंढ़ निकाला। ये ट्रैकर्स जहां पर रुके थे वहां पर हेलीकॉप्टर को लैंड करना नामुकिन था, इसलिए वहां से थोड़ी दूर पर 12 हजार की फीट पर हेलीकॉप्टर की लैंडिंग कराई गई। बहुत संकरी जगह होने की वजह से लैडिंग वाली जगह पर गलती की गुजांइश ना के बराबर थी। लैंड करने के बाद केवल एक मिनट के भीतर ही उन्हें वापस उड़ान भरनी थी, क्योंकि उस संकरी घाटी में हवा का दबाव बहुत तेज था।
 

 
जब तक हेलीकॉप्टर ने अपने पहले दिन का बचाव राहत अभियान पूरा किया तब तक सूरज ढल चुका था। फिर सात अगस्त को बिल्कुल सुबह चार चीतल हेलीकॉप्टर ने उड़ान भरी और बचे हुए 11 ब्रिटिश नागरिकों को वहां से निकाल लिया। इसी बीच एक फ्रांसीसी महिला को बचाने का संदेश भी आया, जो बुरी तरह घायल थी। उसे रीढ़ की हड्डी में चोट लगी थी। उस महिला को भी बचाकर तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया।

इस प्रकार भारतीय वायुसेना ने एक बार फिर अपनी परंपरा को निभाते हुए बेहद खराब मौसम और विपरीत परिस्थिति में भी इस राहत और बचाव अभियान को पूरा करके अदम्य साहस का परिचय दिया।

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