यह ख़बर 28 अक्टूबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

हिन्दी के प्रख्यात साहित्यकार श्रीलाल शुक्ल का निधन

खास बातें

  • 'राग दरबारी' जैसी कालजयी रचना लिखने वाले श्रीलाल शुक्ल का लंबी बीमारी के बाद शुक्रवार को लखनऊ के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया।
Lucknow:

'राग दरबारी' जैसी कालजयी रचना लिखने वाले प्रख्यात साहित्यकार एवं व्यंग्यकार श्रीलाल शुक्ल का लंबी बीमारी के बाद शुक्रवार को लखनऊ के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह 86 वर्ष के थे। उन्हें पद्मभूषण के अलावा देश के शीर्ष साहित्य पुरकार ज्ञानपीठ एवं साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के अतरौली में 1925 में जन्मे श्रीलाल शुक्ल को हिन्दी साहित्य में कथा, व्यंग्य लेखन के लिए जाना जाता है। उन्हें उनके प्रसिद्ध उपन्यास 'राग दरबारी' के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इस पुस्तक का विभिन्न भाषाओं में अनुवाद हुआ है। लंबे समय से बीमार चल रहे शुक्ल को 18 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के राज्यपाल बीएल जोशी ने अस्पताल में ही ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया था। 2008 में शुक्ल को पद्मभूषण पुरस्कार नवाजा गया था। उनके निधन पर साहित्य जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। साहित्कारों ने उनके निधन को हिन्दी साहित्य के लिए अपूरणीय क्षति बताया है।


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