महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ पार्टी और कभी बीजेपी सरकार में उसकी सहयोगी रही शिवसेना अलग होने के बाद से केंद्र सरकार की नीतियों को लेकर उसपर हमला करने से नहीं चूकती है. पार्टी ने फिर एक बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर उनके भाषण को लेकर निशाना साधा है. पार्टी के मुखपत्र सामना में सोमवार को छपे संपादकीय में प्रधानमंत्री के स्वतंत्रता दिवस के दिन लाल किले से दिए गए भाषण को निशाने पर लिया गया है. संपादकीय में कहा गया है कि पीएम ने अपने भाषम में देश में रोजगार पैदा करने और कोरोनावायरस के बीच इकॉनमी को दोबारा पटरी पर लाने जैसे मुद्दों पर भी बात की होती तो अच्छा होता.
संपादकीय ने कहा कि अपने लगभग 90 मिनट के भाषण में प्रधानमंत्री ने भारत में कोरोना वैक्सीन के ट्रायल को लेकर बोला, देश की सैन्य क्षमता और नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन सहित कई मुद्दों पर बात की, लेकिन अखबार ने सवाल उठाया कि सरकार जिस 'आत्मनिर्भर भारत योजना' को जितनी हवा दे रही है, क्या वो सच में कोरोनावायरस महामारी के चलते आए आर्थिक संकट को दूर कर पाएगी?
सामना ने कहा, 'अभी तक देश में 14 करोड़ लोग अपना रोजगार खो चुके हैं, भविष्य में यह नंबर बढ़ने वाले हैं. लोगों को घरों से बाहर निकलना है, लेकिन वो निकलकर क्या करेंगे? नौकरी, रोजगार सबकुछ बरबाद हो चुका है. अच्छा होता कि प्रधानमंत्री ने इनके बारे में भी बात की होती.' अखबार ने कहा 'हालांकि, आर्मी और एयरफोर्स देश की सीमा की रक्षा और दुश्मनों को दूर रखने में सक्षम हैं, लेकिन भूख और बेरोजगारी के शैतान से कौन लड़ेगा, जो देश में तबाही मचा रहा है?'
पार्टी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के भाषण पर भी सवाल उठाए. संपादकीय में लिखा है, 'रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने झंडा फहराते हुए कहा कि भारत में ग्लोबल इकॉनमी को आगे बढ़ाने की क्षमता है. सर दुनिया की छोड़िए, पहले देश की इकॉनमी बढ़ाइए. स्वतंत्रता दिवस आता है और जाता है. लाल किला भी वही है, मुसीबतें और दिक्कतें भी वही हैं.'
Video: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन की घोषणा
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