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This Article is From Nov 16, 2019

संसद में विपक्ष में नजर आ सकती है शिवसेना, संजय राउत ने कहा-NDA की बैठक में भी नहीं लेंगे हिस्सा

महाराष्ट्र में सरकार गठन की कवायद में बीजेपी से तनातनी के बाद शिवसेना अब राज्यसभा में विपक्ष में बैठी नजर आ सकती है.

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संसद में विपक्ष में नजर आ सकती है शिवसेना, संजय राउत ने कहा-NDA की बैठक में भी नहीं लेंगे हिस्सा
शिवसेना ने शीतकाली सत्र से पहले NDA की बैठक में हिस्सा नहीं लेने का किया फैसला
मुंबई:

महाराष्ट्र में सरकार गठन की कवायद में बीजेपी से तनातनी के बाद शिवसेना अब राज्यसभा में विपक्ष में बैठी नजर आ सकती है. जानकारी के मुताबिक शिवसेना से रिश्ते बिगड़ने के बाद राज्यसभा में सांसदों की बैठने की व्यवस्था में बदलाव देखे जा सकते हैं. शिवसेना के राज्यसभा सांसद और प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि राज्यसभा में हम विपक्ष में बैठेंगे. शिवसेना ने संसद के 18 नवम्बर से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र से पहले रविवार को दिल्ली में होने वाली NDA घटक दलों की बैठक में शिवसेना के हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है. संजय राउत ने कहा कि हमें जानकारी मिली है कि NDA घटक दलों की मीटिंग 17 नवंबर को बुलाई गई है. हमने पहले ही तय किया था कि बैठक में बैठने के बजाय हम महाराष्ट्र के विकास को तरजीह देंगे. हमारे सांसद ने केंद्र सरकार के मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. 

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संजय राउत ने कहा कि आज की NDA और पुरानी NDA में बड़ा अंतर है. लाल कृष्ण आडवाणी, जैसे पुराने नेता अब पार्टी में सक्रिय नहीं हैं. हालांकि भाजपा और शिवसेना दोनों ने गठबंधन तोड़ने की आधिकारिक रूप से घोषणा नहीं की है.लेकिन जब उनसे पूछा गया कि आपने अब तक एनडीए से अलग होने का आधिकारिक ऐलान नहीं किया है तो क्या आपके इस फैसले के बाद ऐसा माना जाए कि आप एनडीए का हिस्सा नहीं है तो इस सवाल के जवाब में संजय राउत ने कहा कि आप ऐसा कह सकते हैं इसमें कोई समस्या नहीं है. आज की एनडीए और पुरानी एनडीए में अंतर है. 

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लंबे समय से एनडीए का हिस्सा रहे शिवसेना की महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणामों की घोषणा होने के कुछ दिन बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर बीजेपी के साथ खींचतान चलती रही. उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने संभावित गठबंधन सरकार बनाने के लिए अपने वैचारिक प्रतिद्वंद्वियों-कांग्रेस और एनसीपी के साथ न्यूनतम साझा कार्यक्रम का एक मसौदा तैयार किया है. बता दें कि शिवसेना ने 21 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनाव में 56 सीटें जीती थी. भाजपा ने 288 सदस्यीय सदन में सबसे अधिक 105 सीटों पर जीत दर्ज की थी. 
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