उद्धव ठाकरे सीधे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं
मुंबई:
शिवसेना के निशाने पर अब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की महत्वाकांक्षी परियोजना जलयुक्त शिवार आ चुकी है. इस परियोजना के पेंच ढीले करने के लिए शिवसेना की तरफ़ से किसी और ने नहीं फडणवीस सरकार के ही मंत्री रामदास कदम ने मोर्चा खोला है और पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे भी इस विवाद में कूद गए हैं. जलयुक्त शिवार मतलब बारिश के पानी को संजो कर रखने की पहल. इस सूक्ष्म सिंचाई योजना के तहत नदी-नालों को चौड़ा और गहरा करने के काम ठेके पर दिए जाते हैं. शिवसेना का आरोप है कि कोंकण में प्रशासन और ठेकेदार की मिलीभगत ने इस परियोजना का कबाड़ा कर दिया है.
महाराष्ट्र के पर्यावरण मंत्री और वरिष्ठ शिवसेना नेता रामदास कदम के बेटे योगेश कदम ने सूचना के अधिकार के तहत रत्नागिरी में चल रहे एक सरकारी ठेके की जानकारी मांगी. प्राप्त जानकारी के आधार पर योगेश कदम दावा करते हैं कि अधिकारी और ठेकेदरों ने मिलकर 5 करोड़ रुपये के अतिरिक्त बिल दे कर रकम ऐंठ ली है. योगेश के पिता और मंत्री रामदास कदम ने इस बात का खुलासा मीडियाकर्मियों से किया है. कदम इन सबूतों को मुख्यमंत्री को सौंपने की बात भी कह रहे हैं.
शिवसेना के पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने तो इस बहाने सीधे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को कटघरे में खड़े करते हुए सवाल पूछा है कि अगर जलयुक्त शिवार सिंचाई स्कीम में भ्रष्टाचार है तो पुरानी सरकार के सिंचाई घोटाले में और इस में क्या अंतर है? हम ऐसे चोरों को बेनक़ाब कर के रहेंगे. ज्ञात हो कि, बीजेपी ने कांग्रेस-एनसीपी की गत सरकार पर सिंचाई परियोजनाओं में 70 हजार करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था.
उधर विपक्ष ने इस मामले में सरकार को घेरते हुए सवाल उठाए हैं कि आख़िरकार राज्य में समाजसेवी संगठनों से हो रहे सूक्ष्म सिंचाई के काम सफल होते हैं और सरकारी पहल असफल क्यों हो रही है. महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने NDTV इंडिया से बातचीत में यह बात रखी. इस बीच, मुख्यमंत्री की अज़ीज़ परियोजना को शिवसेना से निशाना बनाए जाने के बावजूद बीजेपी से इस मामले पर चुप्पी बनी हुई है.
(अकोला से धनंजय साबले के इनपुट के साथ)
महाराष्ट्र के पर्यावरण मंत्री और वरिष्ठ शिवसेना नेता रामदास कदम के बेटे योगेश कदम ने सूचना के अधिकार के तहत रत्नागिरी में चल रहे एक सरकारी ठेके की जानकारी मांगी. प्राप्त जानकारी के आधार पर योगेश कदम दावा करते हैं कि अधिकारी और ठेकेदरों ने मिलकर 5 करोड़ रुपये के अतिरिक्त बिल दे कर रकम ऐंठ ली है. योगेश के पिता और मंत्री रामदास कदम ने इस बात का खुलासा मीडियाकर्मियों से किया है. कदम इन सबूतों को मुख्यमंत्री को सौंपने की बात भी कह रहे हैं.
शिवसेना के पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने तो इस बहाने सीधे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को कटघरे में खड़े करते हुए सवाल पूछा है कि अगर जलयुक्त शिवार सिंचाई स्कीम में भ्रष्टाचार है तो पुरानी सरकार के सिंचाई घोटाले में और इस में क्या अंतर है? हम ऐसे चोरों को बेनक़ाब कर के रहेंगे. ज्ञात हो कि, बीजेपी ने कांग्रेस-एनसीपी की गत सरकार पर सिंचाई परियोजनाओं में 70 हजार करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था.
उधर विपक्ष ने इस मामले में सरकार को घेरते हुए सवाल उठाए हैं कि आख़िरकार राज्य में समाजसेवी संगठनों से हो रहे सूक्ष्म सिंचाई के काम सफल होते हैं और सरकारी पहल असफल क्यों हो रही है. महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने NDTV इंडिया से बातचीत में यह बात रखी. इस बीच, मुख्यमंत्री की अज़ीज़ परियोजना को शिवसेना से निशाना बनाए जाने के बावजूद बीजेपी से इस मामले पर चुप्पी बनी हुई है.
(अकोला से धनंजय साबले के इनपुट के साथ)
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