प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश में जनसंख्या नियंत्रण पर जोर दिए जाने के बाद शुक्रवार को बीजेपी के प्रमुख सहयोगी दल शिवसेना ने मुस्लिम समुदाय के एक तबके पर निशाना साधा. वहीं, वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने प्रधानमंत्री के रुख का स्वागत किया और कहा कि इसे जन आंदोलन बनना चाहिए. शिवसेना ने प्रधानमंत्री द्वारा अपने स्वतंत्रता दिवस संबोधन में दिए गए संदेश का समर्थन किया वहीं ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री शासन के 'खारिज और दखल देने वाले' विचारों के साथ आ रहे हैं. शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में आरोप लगाया गया है कि अल्पसंख्यक समुदाय का एक तबका जनसंख्या वृद्धि पर अंकुश लगाने का महत्व नहीं समझता है.
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शिवसेना ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटा कर और मुस्लिमों में तीन तलाक की प्रथा पर रोक के लिए कानून बनाकर, प्रधानमंत्री ने एक संदेश दिया था. संपादकीय में कहा गया है कि इसलिए, वह जनसंख्या विस्फोट के मुद्दे को हल करेंगे और ‘एक राष्ट्र एक चुनाव' अवधारणा को (कार्यान्वित) करेंगे.' शिवसेना ने कहा कि वह मोदी के इस तर्क से सहमत है कि समाज का एक बड़ा वर्ग जनसंख्या विस्फोट के खतरों को समझता है और परिवार नियोजन करता है.
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संपादकीय में आरोप लगाया गया है, ‘‘हालांकि, कट्टरपंथी मुस्लिम जनसंख्या विस्फोट को लेकर चिंतित नहीं हैं और वे ‘हम दो हमारे 25 बच्चे' की मानसिकता से बाहर आने को तैयार नहीं हैं." शिवसेना सांसद और पार्टी प्रवक्ता संजय राउत ने मुंबई में संवाददाताओं से कहा, 'हम खुश हैं कि मोदी सरकार शिवसेना की नीतियों को आगे बढ़ा रही है...दिवंगत बाल ठाकरे ने हमेशा जनसंख्या नियंत्रण की जरूरत पर बल दिया.' उन्होंने कहा कि मोदी के नेतृत्व में राजग सरकार शिवसेना की नीतियों को अनुमोदित कर रही है. यह राष्ट्रीय हित में है.
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राउत ने कहा कि तीन तलाक कानून समान नागरिक संहिता की दिशा में उठाया गया कदम है. शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा कि राष्ट्रीय हित के मुद्दों में धर्म को लाने की जरूरत नहीं है. उन्होंने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को खत्म किये जाने के संदर्भ में कहा, 'एक राज्य की केंद्र से अलग शक्तियां कैसे हो सकती हैं? मोदी सरकार ने इसे हटा दिया.' चिदंबरम ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए संबोधन की तीन बातों का स्वागत किया जिनमें जनसंख्या नियंत्रण प्रमुख है.
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चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा, 'हम सभी को स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री की ओर से कही गई तीन बातों का स्वागत करना चाहिए.' चिदंबरम ने इन तीन बातों का उल्लेख करते हुए कहा, 'छोटा परिवार होना देशभक्तिपूर्ण कर्तव्य है. पूंजी का सृजन करने वालों का सम्मान होना चाहिए. एक बार इस्तेमाल हो चुके प्लास्टिक का उपयोग नहीं होना चाहिए.' उन्होंने कहा कि पहली और तीसरी बात (जनसंख्या नियंत्रण और सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग नहीं करना) को जन आंदोलन का रूप लेना चहिए. पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने यह भी कहा, ''मैं आशा करता हूं कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और उनके कर अधिकारियों एवं जांच अधिकारियों ने प्रधानमंत्री की दूसरी बात (पूंजी सृजन करने वालों का सम्मान) को स्पष्ट रूप से सुना होगा.'
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