उद्धव ठाकरे (फाइल फोटो)
मुंबई:
जैन पर्व के दौरान नगर निकायों द्वारा मांस की बिक्री पर प्रतिबंध को लेकर हुए हंगामे के बीच भाजपा के सहयोगी दल शिवसेना ने बुधवार को कहा कि वह सुनिश्चित करेगी कि इस तरह का कोई प्रतिबंध लागू नहीं हो।
शिवसेना का रुख विपक्षी कांग्रेस और राकांपा द्वारा मंगलवार को बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के आदेश की आलोचना के बाद आया है। शिवसेना और भाजपा शासित बीएमसी ने घोषणा की थी कि जैन समुदाय के ‘पर्यूषण’ पर्व के दौरान 11 सितम्बर से 18 सितम्बर तक आठ दिन के लिए मांस की बिक्री नहीं होगी।
बहरहाल राकांपा नियंत्रित नवी मुंबई नगर निगम ने भी 17 सितम्बर तक ‘पर्यूषण’ पर्व को देखते हुए मांस की बिक्री रोकने की घोषणा की, लेकिन कल पार्टी ने कांग्रेस के सुर में सुर मिलाते हुए इस पर आपत्ति जताई।
मामले पर कड़ा रुख अपनाते हुए शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘‘हम सुनिश्चित करेंगे कि आठ दिन तक मांस की बिक्री पर प्रतिबंध नहीं लगे।’’ शिवसेना बीएमसी में प्रभुत्व वाली पार्टी है जहां वह भाजपा के साथ मिलकर सत्ता में है।
प्रतिबंध के लिए दबाव बनाने वाली भाजपा ने कहा कि नगर निकायों ने निर्णय किया है और इसमें राज्य सरकार की कोई भूमिका नहीं है।
राकांपा ने कल आदेश पर आपत्ति जताई और कहा कि मतदाताओं के ध्रुवीकरण के लिए यह भाजपा का षड्यंत्र है जो 2017 में होने वाले निकाय चुनावों पर नजरें गड़ाए हुए है।
नवी मुंबई में एक वार्ड के वार्ड अधिकारी ने बयान जारी करते हुए कहा कि आज से 17 सितम्बर तक मांस की बिक्री नहीं होगी।
बीएमसी ने हाल में मांस की बिक्री पर प्रतिबंध और मुंबई के देवनार में बूचड़खाने को 10, 13, 17 और 18 सितम्बर को बंद करने की घोषणा की थी। जैन समुदाय के ‘पर्यूषण’ पर्व को देखते हुए यह घोषणा की गई थी। मीरा-भयंदर नगर निगम द्वारा ‘पर्यूषण’ पर्व के दौरान मांस पर प्रतिबंध लगाने के लिए प्रस्ताव पारित करने के बाद बीएमसी ने भी ऐसा ही फैसला किया। दरअसल मीरा भयंदर नगर निगम में भाजपा को बढ़त हासिल है और उसने पर्व के दौरान पूरे शहर में मांस की बिक्री पर प्रतिबंध के लिए प्रस्ताव पारित कर दिया।
प्रतिबंध का समर्थन करते हुए बीएमसी में भाजपा नेता मनोज कोटक ने कहा, ‘‘भगवान महावीर विष्णु के अवतार हैं। अगर जैन समुदाय को लगता है कि जानवरों को नुकसान पहुंचने से ‘पर्यूषण’ के दौरान समुदाय की भावनाएं आहत होंगी तो फिर प्रतिबंध लगाने की मांग करने में गलत क्या है? लोग जब 2 अक्तूबर को शराब नहीं पीते तो क्या नेता उनके निर्णय पर सवाल खड़े करते हैं?’’
विपक्षी कांग्रेस और राकांपा ने जैन समुदाय के आगामी पर्व के दौरान मुंबई और मीरा भयंदर में मांस की बिक्री पर प्रतिबंध की कल आलोचना की थी और कहा कि निगम चुनावों से पहले भाजपा और शिवसेना मतदाताओं का 'ध्रुवीकरण' करने का प्रयास कर रही है।
बीएमसी के चुनाव फरवरी 2017 में होने हैं जो राज्य में मुख्य राजनीतिक दलों के बीच महत्वपूर्ण मुकाबला होता है।
राज्य राकांपा के अध्यक्ष सुनील तटकरे ने कहा था कि सरकार को जैन समुदाय की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए सहमति से निर्णय लेना चाहिए था और यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि समाज के दूसरे वर्ग आहत नहीं हों।
शिवसेना का रुख विपक्षी कांग्रेस और राकांपा द्वारा मंगलवार को बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के आदेश की आलोचना के बाद आया है। शिवसेना और भाजपा शासित बीएमसी ने घोषणा की थी कि जैन समुदाय के ‘पर्यूषण’ पर्व के दौरान 11 सितम्बर से 18 सितम्बर तक आठ दिन के लिए मांस की बिक्री नहीं होगी।
बहरहाल राकांपा नियंत्रित नवी मुंबई नगर निगम ने भी 17 सितम्बर तक ‘पर्यूषण’ पर्व को देखते हुए मांस की बिक्री रोकने की घोषणा की, लेकिन कल पार्टी ने कांग्रेस के सुर में सुर मिलाते हुए इस पर आपत्ति जताई।
मामले पर कड़ा रुख अपनाते हुए शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘‘हम सुनिश्चित करेंगे कि आठ दिन तक मांस की बिक्री पर प्रतिबंध नहीं लगे।’’ शिवसेना बीएमसी में प्रभुत्व वाली पार्टी है जहां वह भाजपा के साथ मिलकर सत्ता में है।
प्रतिबंध के लिए दबाव बनाने वाली भाजपा ने कहा कि नगर निकायों ने निर्णय किया है और इसमें राज्य सरकार की कोई भूमिका नहीं है।
राकांपा ने कल आदेश पर आपत्ति जताई और कहा कि मतदाताओं के ध्रुवीकरण के लिए यह भाजपा का षड्यंत्र है जो 2017 में होने वाले निकाय चुनावों पर नजरें गड़ाए हुए है।
नवी मुंबई में एक वार्ड के वार्ड अधिकारी ने बयान जारी करते हुए कहा कि आज से 17 सितम्बर तक मांस की बिक्री नहीं होगी।
बीएमसी ने हाल में मांस की बिक्री पर प्रतिबंध और मुंबई के देवनार में बूचड़खाने को 10, 13, 17 और 18 सितम्बर को बंद करने की घोषणा की थी। जैन समुदाय के ‘पर्यूषण’ पर्व को देखते हुए यह घोषणा की गई थी। मीरा-भयंदर नगर निगम द्वारा ‘पर्यूषण’ पर्व के दौरान मांस पर प्रतिबंध लगाने के लिए प्रस्ताव पारित करने के बाद बीएमसी ने भी ऐसा ही फैसला किया। दरअसल मीरा भयंदर नगर निगम में भाजपा को बढ़त हासिल है और उसने पर्व के दौरान पूरे शहर में मांस की बिक्री पर प्रतिबंध के लिए प्रस्ताव पारित कर दिया।
प्रतिबंध का समर्थन करते हुए बीएमसी में भाजपा नेता मनोज कोटक ने कहा, ‘‘भगवान महावीर विष्णु के अवतार हैं। अगर जैन समुदाय को लगता है कि जानवरों को नुकसान पहुंचने से ‘पर्यूषण’ के दौरान समुदाय की भावनाएं आहत होंगी तो फिर प्रतिबंध लगाने की मांग करने में गलत क्या है? लोग जब 2 अक्तूबर को शराब नहीं पीते तो क्या नेता उनके निर्णय पर सवाल खड़े करते हैं?’’
विपक्षी कांग्रेस और राकांपा ने जैन समुदाय के आगामी पर्व के दौरान मुंबई और मीरा भयंदर में मांस की बिक्री पर प्रतिबंध की कल आलोचना की थी और कहा कि निगम चुनावों से पहले भाजपा और शिवसेना मतदाताओं का 'ध्रुवीकरण' करने का प्रयास कर रही है।
बीएमसी के चुनाव फरवरी 2017 में होने हैं जो राज्य में मुख्य राजनीतिक दलों के बीच महत्वपूर्ण मुकाबला होता है।
राज्य राकांपा के अध्यक्ष सुनील तटकरे ने कहा था कि सरकार को जैन समुदाय की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए सहमति से निर्णय लेना चाहिए था और यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि समाज के दूसरे वर्ग आहत नहीं हों।
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