''फार्मर्स लाइव्‍स मैटर " : लखीमपुर खीरी हिंसा को लेकर NDTV से उर्मिला मातोंडकर

उर्मिला मातोंडकर ने कहा, 'देश के किसान अपनी मांगों को लेकर एक वर्ष से आंदोलन कर रहे हैं. केंद्र के समक्ष अपनी मांग रख रहे हैं, इस दौरान कोई उनकी ज्‍यादा मदद नहीं कर रहा.  

शिवसेना नेता और बॉलीवुड एक्‍ट्रेस उर्मिला मातोंडकर ने लखीमपुर खीरी मुद्दे को लेकर शिवसेना नीत सत्‍तारूढ़ गठबंधन द्वारा कराए गए महाराष्‍ट्र बंद को न्‍यायोचित ठहराया है. उन्‍होंने NDTV से बातचीत करते हुए कहा, 'किसान हमारे अपने हैं और हमें अपने लोगों के लिए खड़े होना चाहिए. महाराष्‍ट्र के नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस के बंद को 'राज्‍य प्रायोजित' (स्‍टेट स्‍पांसर्ड) बनाए जाने संबंधी सवाल पर उर्मिला ने कहा, 'कहने वाले इस मसले पर बहुत कुछ कहेंगे. विपक्ष के नेता जिस तरह से अपनी राय जताते हैं, उनका अपना स्‍टाइल होता है लेकिन मैं स्‍पष्‍ट करना चाहूंगी कि महाराष्‍ट्र का अपना बहुत बड़ा  इतिहास रहा है. यह संवेदनशील राज्‍य रहा है, हमेशा मौलिक अधिकारों के लिए खड़ा रहा है.'

उन्‍होंने कहा, 'देश के किसान अपनी मांगों को लेकर एक वर्ष से आंदोलन कर रहे हैं. केंद्र के समक्ष अपनी मांग रख रहे हैं, इस दौरान कोई उनकी ज्‍यादा मदद नहीं कर रहा.  इस दौरान 500 से 600 लोगों ने अपनी जान गंवाई है.' उन्‍होंने कहा कि लखीमपुर खीरी में जो हुआ, वह दर्दनाक है, यह नरसंहार की तरह हुआ है. यदि इस घटना को हम दूसरी घटना की तरह देखते रहे तो आखिर देश के लोकतंत्र में क्‍या चल रहा है? शिवसेना और कई बॉलीवुड फिल्‍मों में काम कर चुकी उर्मिला ने कहा कि बीजेपी ने भी यूपीए के समय महंगाई और अन्‍य मुद्दों पर महाराष्‍ट्र और देश में ऐसे प्रदर्शन किए हैं. उन्‍होंने कहा कि लखीमपुर  मामले में बीजेपी के तमाम बड़े नेताओं की चुप्‍पी समझ से परे है.  यह पूछे जाने पर कि क्‍या आशीष मिश्रा की गिरफ्तार के बाद ऐसा लग रहा है कि अब कार्रवाई हो रही, उर्मिला ने कहा-चीजें इस स्थिति तक पहुंचीं क्‍योंकि इंसाफ होता नजर नहीं आ रहा था. मीडिया एक बड़ा पार्ट सच्‍चाई लोगों तक पहुंचा नहीं रहा था. कुछ वीडियो लोगों तक नहीं पहुंचते तो कहा जाता कि ये किसान हैं ही नहीं, वे तलवार- पत्‍थर लेकर जा रहे थे जबकि वीडियो यह सच्‍चाई बताते हैं कि किसान काले झंडे लेकर जा रहे और विरोध कर रहे थे जो पूरी तरह से जायज है. सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा हैकि राज्‍य में जिस तरह की कार्रवाई हो रही, वह पर्याप्‍त नहीं है. उन्‍होंने मामले में पीएम सहित बड़े बीजेपी नेताओं की चुप्‍पी पर भी सवाल उठाया. 

शिवसेना कार्यकर्ताओं की ओर सेजबरन बंद कराने के आरोप पर उर्मिला ने कहा, ऐसी एकाध घटना हुई तो वह निंदनीय है लेकिन सच्‍चाई यह भी कह कि डिब्‍बा वालों, व्‍यापारियों ने इस आंदोलन को समर्थन दिया. आज किसान है तो कल डॉक्‍टरों, वकीलों के खिलाफ ऐसी नौबत आ सकती है. उन्‍होंने कहा, 'कुछ समय पूर्व अमेरिका में पुलिस अत्‍याचार में एक इंसान की हत्‍या पर जिस तरह से बड़ा आंदोलन खड़ा हुआ, वैसा हमारे यहां भी होना चाहिए. हमे अपने लोगों के लिए खड़ा होना चाहिए. फार्मर्स लाइव्‍स मेटर..'

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