रांची:
झारखंड के सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) 19 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव पर यूं तो आम सहमति की पक्षधर है लेकिन इस मुद्दे पर रुख तय करने के लिए इसने रविवार को पार्टी प्रमुख शिबू सोरेन को अधिकृत किया।
पार्टी ने कहा कि यह फैसला यहां हुई झामुमो कोर कमेटी की बैठक में लिया गया।
बैठक के बाद सोरेन के बेटे और उपमुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी कहा, "राष्ट्रपति चुनाव के लिए आम सहमति बनाई जानी चाहिए।"
गौरतलब है कि झारखंड की तीन क्षेत्रीय पार्टियों में से एक झारखंड विकास मोर्चा-प्रजातांत्रिक (जेवीएम-पी) ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी को समर्थन देने की घोषणा की है। इस पार्टी के दो लोकसभा सदस्य और 11 विधायक हैं।
राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल झामुमो और आजसू (ऑल इंडिया झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन) ने राष्ट्रपति चुनाव के मुद्दे पर अभी कोई फैसला नहीं लिया है।
झामुमो के एक सांसद और 18 विधायक हैं, जबकि आजसू के छह विधायक हैं।
पार्टी ने कहा कि यह फैसला यहां हुई झामुमो कोर कमेटी की बैठक में लिया गया।
बैठक के बाद सोरेन के बेटे और उपमुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी कहा, "राष्ट्रपति चुनाव के लिए आम सहमति बनाई जानी चाहिए।"
गौरतलब है कि झारखंड की तीन क्षेत्रीय पार्टियों में से एक झारखंड विकास मोर्चा-प्रजातांत्रिक (जेवीएम-पी) ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी को समर्थन देने की घोषणा की है। इस पार्टी के दो लोकसभा सदस्य और 11 विधायक हैं।
राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल झामुमो और आजसू (ऑल इंडिया झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन) ने राष्ट्रपति चुनाव के मुद्दे पर अभी कोई फैसला नहीं लिया है।
झामुमो के एक सांसद और 18 विधायक हैं, जबकि आजसू के छह विधायक हैं।
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