विज्ञापन
This Article is From Aug 11, 2017

बाबरी मस्जिद के मालिकाना हक़ की लड़ाई पहुंची सुप्रीम कोर्ट, शिया वक्फ बोर्ड ने पेश की दावेदारी

शिया वक्फ बोर्ड ने निचली अदालत द्वारा 1946  को दिए उस फैसले को चुनौती दी है जिसमें बाबरी मजिस्द पर बोर्ड की दावेदारी मानने से इनकार कर दिया गया था.

बाबरी मस्जिद के मालिकाना हक़ की लड़ाई पहुंची सुप्रीम कोर्ट,  शिया वक्फ बोर्ड ने पेश की दावेदारी
71 साल बाद शिया वक्फ बोर्ड बाबरी मस्जिद पर मालिकाना हक़ को लेकर सीधे सुप्रीम कोर्ट पहुंचा
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से एक दिन पहले ही अयोध्या स्थित रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में एक और मोड़ आ गया. बाबरी मस्जिद के मालिकाना हक़ की कानूनी लड़ाई हारने के करीब 71 साल बाद शिया वक्फ बोर्ड अब सीधे सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. पहले विवादित जमीन पर मंदिर और कुछ दूरी पर मस्जिद बनाने का हलफ़नामा दाखिल करने वाले शिया वक्फ बोर्ड ने बाबरी मस्जिद पर अपनी दावेदारी जताते हुए ये भी कहा है कि मंदिर को तोड़कर बाबरी मस्जिद बनाई गई थी. 

यह भी पढ़ें: वक्फ बोर्ड की 100 करोड़ की जमीन भू-माफिया ने बेची

दरअसल, रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई होनी है. इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई हैं. इन 20 याचिकाओं में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ के साल 2010 में विवादित स्थल के 2.77 एकड़ क्षेत्र को सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और रामलला के बीच बराबर-बराबर हिस्से में विभाजित करने का आदेश को चुनौती दी गई थी.

यह भी पढ़ें: गायब हुईं वक्फ़ बोर्ड की 4500 संपत्तियां, आजम ख़ान पर कस सकता है जांच का शिकंजा

इस मामले में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी के कूदने के बाद सरगर्मी बढ़ गई थीं. उन्होंने तीन बार चीफ जस्टिस जेएस खेहर के सामने जल्द सुनवाई की गुहार लगाई थी.  सात साल से लंबित मामले में अब सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करने जा रहा है और अब शिया वक्फ बोर्ड भी इसमें कूद पड़ा है. 

शिया वक्फ बोर्ड ने निचली अदालत द्वारा 30 मार्च,1946  को दिए उस फैसले को चुनौती दी है जिसमें बाबरी मजिस्द पर शिया वक्फ बोर्ड की दावेदारी मानने से इनकार कर दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में बोर्ड ने कहा है कि चूंकि इससे संबंधित सभी मामले सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं इसलिए उन्होंने निचली अदालत के फैसले को सीधे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.

अपनी याचिका में बोर्ड ने कहा है कि बाबरी मस्जिद मुगल बादशाह बाबर ने नहीं बल्कि उनके मंत्री अब्दुल मीर बाकी ने बनवाई थी. बोर्ड का यह भी कहना है कि मीर बाकी ने अपने पैसे से इसका निर्माण कराया था और मंदिर को तोड़कर बाबरी मस्जिद का निर्माण किया गया था. चूंकि मीर बाकी शिया मुसलमान था लिहाजा यह शिया वक्फ की संपत्ति है. याचिका में कहा गया कि निचली अदालत का यह आदेश गलत है जिसमें बाबरी मस्जिद को शिया वक्फ की संपत्ति मानने से इनकार कर दिया गया था. 

VIDEO: बाबरी मस्जिद विवाद: 70 साल बाद अदालत के फैसले को चुनौती
सवाल ये है शिया वक्फ बोर्ड की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का क्या रुख रहेगा. क्योंकि बोर्ड ने 71 साल के बाद निचली अदालत के आदेश को सीधे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
जम्मू कश्मीर चुनाव को लेकर महिलाओं में कैसा उत्‍साह... जानें किस पार्टी के उम्‍मीदवार सबसे ज्‍यादा अमीर?
बाबरी मस्जिद के मालिकाना हक़ की लड़ाई पहुंची सुप्रीम कोर्ट,  शिया वक्फ बोर्ड ने पेश की दावेदारी
महाराष्ट्र : एमएसआरटीसी की हड़ताल से यात्री परेशान, 96 बस डिपो पूरी तरह से बंद
Next Article
महाराष्ट्र : एमएसआरटीसी की हड़ताल से यात्री परेशान, 96 बस डिपो पूरी तरह से बंद
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com