शीना बोरा हत्या मामले के आरोपी पीटर मुखर्जी को 4 साल यहां की आर्थर रोड जेल में बिताने के बाद शुक्रवार को रिहा कर दिया गया. बंबई उच्च न्यायालय की ओर से पूर्व मीडिया उद्योगपति को हत्या मामले में दी गई जमानत पर लगी 6 हफ्ते की रोक की अवधि बृहस्पतिवार को खत्म होने और सीबीआई के उच्चतम न्यायालय का रुख न करने के बाद मुखर्जी की रिहाई हुई है. सीबीआई के न्यायालय में अपील दायर न करने से मुखर्जी की रिहाई में आ रही बड़ी बाधा दूर हो गई है. हत्या मामले में उसे चार साल पहले गिरफ्तार किया गया था.
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बता दें कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने शीना बोरा हत्याकांड मामले में गिरफ्तार पीटर मुखर्जी को 6 फरवरी को जमानत दी थी. इसके साथ ही अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया पीटर मुखर्जी के खिलाफ अपराध में शामिल होने के सबूत नहीं है. हालांकि, अदालत ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) के अनुरोध पर अपने आदेश पर छह हफ्ते की रोक लगा दी थी ताकि जांच एजेंसी फैसले के खिलाफ अपील दायर कर सके.
पीटर मुखर्जी को शीना बोरा की हत्या करने के आरोप में 19 नवंबर 2015 को गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में उनकी पत्नी इंद्राणी मुखर्जी मुख्य आरोपी हैं. न्यायमूर्ति नितिन सांबरे ने मुखर्जी को दो लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दी.
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