
महाराष्ट्र में धार्मिक स्थलों को फिर से खोलने को लेकर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshiyari) और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के बीच खत के माध्यम से पिछले दिनों तीखी झड़प देखने को मिली. इस बीच, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) ने उद्धव के साथ जुबानी जंग छेड़ने को लेकर राज्यपाल पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह के आपत्ति जताने के बाद, कोई भी स्वाभिमानी व्यक्ति होता तो इस पद पर बना नहीं रहता.
उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना के सहयोगी शरद पवार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान का उल्लेख करते हुए कहा, "कोई भी स्वाभिमानी व्यक्ति होता तो पद पर नहीं रहता." अमित शाह ने कहा था कि महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी राज्य में पूजा स्थलों को फिर से खोलने के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में बेहतर शब्द चुन सकते थे.
ओसमानाबाद में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेने गए पवार ने संवाददाताओं से कहा, "अगर कोई आत्मसम्मान वाला व्यक्ति होता तो पद पर नहीं बना रहता. हम मांग करने वाले कौन होते हैं." उन्होंने कहा, "केन्द्रीय गृह मंत्री के एक बयान में पत्र में इस्तेमाल की गई भाषा पर निराशा जताने के बाद, कोई भी स्वाभिमानी व्यक्ति पद पर बने रहने या नहीं बने रहने का खुद फैसला लेगा."
पवार ने कहा, "यदि केंद्रीय गृह मंत्री महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की ओर से इस्तेमाल की गई भाषा को लेकर आपत्ति जता रहे हैं, तो यह अहम है." बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को न्यूज 18 से कहा था कि "भगत सिंह कोश्यारी बेहतर शब्द चुन सकते थे."
पिछले सोमवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मुख्यमंत्री उद्धव सिंह ठाकरे को धार्मिक स्थल खोलने को लेकर एक पत्र लिखा था. राज्यपाल ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री के हिंदुत्व पर सवाल उठाते हुए पूछा था कि 'क्या आप अचानक से सेक्युलर हो गए?' इसपर मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से एक जवाब भेजा गया है, जिसमें उद्धव ठाकरे ने कहा है कि 'पत्र में मेरे हिंदुत्व का उल्लेख करना गलत है. हिंदुत्व के लिए मुझे आपके सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है.'
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