यह ख़बर 09 अप्रैल, 2013 को प्रकाशित हुई थी

ममता और मित्रा के साथ बदसलूकी के बाद बंगाल में बवाल, पीएम संग बैठक रद्द

खास बातें

  • पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की होने वाली अहम मुलाकात रद्द हो गई है। योजना आयोग में वामपंथी कार्यकर्ताओं के विरोध पर ममता की नाराजगी की पृष्ठभूमि में बैठक रद्द हुई है।
नई दिल्ली:

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की होने वाली अहम मुलाकात रद्द हो गई है। योजना आयोग में वामपंथी कार्यकर्ताओं के विरोध पर ममता की नाराजगी की पृष्ठभूमि में बैठक रद्द हुई है।

सूत्रों ने बताया कि ममता ने यह कहते हुए बैठक रद्द करने को कहा कि वह स्वस्थ नहीं हैं और उनका रक्तचाप कम हो गया है।

सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद ममता बनर्जी को एम्स में भर्ती कराया गया। ममता को अस्पताल में ऑक्सीजन दिए जाने की भी ख़बर है।

अमित मित्रा को भी डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है। इस मामले में आईपीसी की चार धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।

मंगलवार शाम को दिल्ली के दौरे पर आई ममता बनर्जी और उनके वित्त मंत्री अमित मित्रा के साथ एसएफआई के कायकर्ताओं ने धक्का−मुक्की की। अमित मित्रा का कुर्ता भी फाड़ा। ममता इसपर बुरी तरह नाराज़ हैं और कहा है कि उनके कहने पर दिल्ली में दस लाख लोग चले आएंगे।

ममता बनर्जी और राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्रा से हाथापाई के बाद तृणमूल समर्थकों द्वारा राज्य में सीपीआई दफ्तरों पर हमला बोलने की खबरें भी आईं।

सूत्रों ने बताया कि मित्रा को रातभर के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उन्हें कुछ जांच के बाद छुट्टी दी जाएगी।

पूर्व में, एसएफआई के एक कार्यकर्ता की मौत को लेकर वामपंथी दलों ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ प्रदर्शन किया। इसी दौरान, प्रदर्शनकारियों ने राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्रा से हाथापाई भी की। हाथापाई के दौरान उनके कपड़े फट गए।

वाम संगठनों के प्रदर्शनकारियों का एक समूह आयोग के कार्यालय के बाहर तृणमूल कांग्रेस प्रमुख का इंतजार कर रहा था। मुख्यमंत्री जब मित्रा के साथ पौने चार बजे आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया से मिलने पहुंचीं तो प्रदर्शनकारियों ने उनके खिलाफ नारे लगाए।

बनर्जी को पुलिस ने सलाह दी थी कि वह अपनी कार से बाहर नहीं निकलें और अंदर चली जाएं लेकिन मुख्यमंत्री ने नारे लगा रहे एवं तख्तियां लहरा रहे प्रदर्शनकारियों के बीच से भवन के अंदर जाना पसंद किया।

प्रदर्शनकारियों ने मित्रा से हाथापाई की जिसमें उनका कुर्ता फट गया। पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी और शहरी विकास मंत्री फरहाद हाकिम को भी प्रदर्शनकारियों के विरोध का सामना करना पड़ा। प्रदर्शनकारी माकपा की छात्र इकाई एसएफआई के नेता सुदीप्तो गुप्ता की मौत का विरोध कर रहे थे।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

एसएफआई और माकपा के सदस्यों ने ‘ममता बनर्जी हाय हाय, तृणमूल कांग्रेस हाय हाय, हत्यारी ममता शर्म करो’ के नारे लगाए। क्षुब्ध मुख्यमंत्री यह कहते हुए भवन के अंदर प्रवेश कर गईं कि ‘यह असभ्य व्यवहार’ है। उन्होंने कहा, ‘आपको मालूम है वे क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं। मेरे साथ दस लाख लोग हैं। मैं उन्हें दिल्ली ला सकती हूं। वे पश्चिम बंगाल का विकास नहीं चाहते।’