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This Article is From Jul 23, 2021

भारती एयरटेल, वोडा, आइडिया, टाटा को राहत नहीं, AGR बकाया की फिर गणना से SC का इंकार

सुप्रीम कोर्ट ने एजीआर बकाया चुकाने के लिए कंपनियों को 10 साल का समय दिया है.  कोर्ट ने कहा कि टेलीकॉम कंपनियों को बकाया राशि का 10 फीसदी एडवांस में चुकाना होगा.  फिर हर साल समय पर किस्त चुकानी होगी. वहीं कंपनियों ने इसके लिए 15 साल का समय मांगा था.

भारती एयरटेल, वोडा, आइडिया, टाटा को राहत नहीं, AGR बकाया की फिर गणना से SC का इंकार
एजीआर केस में टेलीकॉम कंपनियों को राहत नहींं
नई दिल्ली:

AGR मामले में भारती एयरटेल, वोडा, आइडिया और टाटा को राहत नहीं मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने AGR बकाया की फिर से गणना कराने से इनकार कर दिया है. सोमवार को AGR मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भारती एयरटेल, वोडा, आइडिया और टाटा की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा था. टेलीकॉम कंपनियों ने कहा है कि एजीआर बकाया की गणना गलत तरीके से की गई है इसलिए इसकी सही गणना करने के आदेश दिए जाएं. 

जानें इस केस से जुड़ी  अहम बातें

  1.  पिछले साल सितंबर में एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों को बड़ी राहत दे दी थी. कोर्ट ने एजीआर बकाया चुकाने के लिए कंपनियों को 10 साल का समय दिया है.  कोर्ट ने कहा कि टेलीकॉम कंपनियों को बकाया राशि का 10 फीसदी एडवांस में चुकाना होगा.  फिर हर साल समय पर किस्त चुकानी होगी.
  2. इसके लिए कोर्ट ने 7 फरवरी समय तय किया था.कंपनियों को हर साल इसी तारीख पर बकाया रकम की किस्त चुकानी होगी. ऐसा न करने पर ब्याज देना होगा. बता दें कि कुल एजीआर बकाया 1.69 लाख करोड़ रुपये का है, जबकि अभी तक 15 टेलीकॉम कंपनियों ने सिर्फ 30,254 करोड़ रुपये चुकाये हैं.  
  3. टेलीकॉम कंपनियों ने एजीआर बकाए के लिए 15 साल का समय मांगा था. AGR की बकाया रकम पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना पहला फैसला 24 अक्टूबर 2019 को सुनाया था. 
  4. इसके बाद वोडाफोन आइडिया ने कहा था कि अगर उसे बेलआउट नहीं किया गया तो उसे भारत में अपना कामकाज बंद करना होगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर कंपनियां इन 10 साल के दौरान पेमेंट पर डिफॉल्ट करती हैं तो इंटरेस्ट और पेनल्टी देनी होगी.
  5. वहीं टेलीकॉम कंपनियों को AGR की बकाया रकम चुकाने का हलफनामा जमा करना होगा.एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा टेलीकॉम कंपनियों से लिया जाने वाला यूजेज और लाइसेंसिग फीस है. इसके दो हिस्से होते हैं- स्पेक्ट्रम यूजेज चार्ज और लाइसेंसिंग फीस. एयरटेल पर 35 हजार करोड़, वोडाफोन आइडिया पर 53 हजार करोड़ और टाटा टेलीसर्विसेज पर करीब 14 हजार करोड़ का बकाया है.
  6. टेलीकॉम डिपार्टमेंट का कहना है कि AGR की गणना किसी टेलीकॉम कंपनी को होने वाले कुल आय के आधार पर होनी चाहिए, जिसमें डिपॉजिट इंट्रेस्ट और एसेट बिक्री जैसे गैर टेलीकॉम स्रोत से हुई आय भी शामिल हो. वहीं टेलीकॉम कंपनियों का कहना था कि AGR की गणना सिर्फ टेलीकॉम सेवाओं से होने वाली आय के आधार पर होनी चाहिए, लेकिन पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों के खिलाफ फैसला दिया था.

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