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This Article is From Apr 17, 2015

रैली से पहले अलगाववादी नेता गिलानी और मसर्रत आलम को किया गया नजरबंद


श्रीनगर : जम्मू्-कश्मीर के पुलवामा जिले के त्राल कस्बे में शुक्रवार को प्रस्तावित रैली से पहले गुरुवार को हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े के प्रमुख सैयद अली शाह गिलानी और कट्टरपंथी अलगाववादी नेता मसर्रत आलम को नजरबंद कर दिया गया।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘गिलानी को नजरबंद किया गया है। हैदरपोरा स्थित उनके आवास के बाहर पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। कानून-व्यवस्था कायम रखने के लिए ऐहतियातन यह कदम उठाया गया है।’ अधिकारी ने कहा कि मसर्रत आलम को भी नजरबंद किया गया है।

श्रीनगर में बुधवार को अलगाववादियों की रैली को लेकर चौतरफा हमला होने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने शुक्रवार के मार्च के लिए अनुमति देने से इंकार किया।

सईद ने कहा कि पाकिस्तानी झंडा लहराना और पाकिस्तान के समर्थन में नारेबाजी करना ‘स्वीकार्य नहीं है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।’ मुख्यमंत्री ने पुलिस को निर्देश दिया कि शुक्रवार की रैली के लिए इजाजत नहीं दी जाए। यह रैली श्रीनगर से त्राल तक निकाले जाने की योजना थी। गिलानी ने दक्षिणी कश्मीर के त्राल कस्बे में शुक्रवार को मार्च का ऐलान किया है। इस कस्बे में बीते सोमवार को आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान एक युवक की मौत हो गयी थी।

श्रीनगर में बुधवार की रैली के कुछ घंटों बाद केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सईद को फोन करके कहा कि कानून तोड़ने वालों के खिलाफ ‘तत्काल और कड़ी’ कार्रवाई की जाए।

सिंह ने इस बात पर जोर दिया, ‘हम भारतीय जमीन पर पाकिस्तान जिंदाबाद जैसे नारे लगाने वाले को बर्दाश्त नहीं करेंगे। राष्ट्रीय सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं हो सकता। राजनीति को राष्ट्रीय सुरक्षा से ऊपर नहीं रखा जा सकता।’

आलोचनाओं से घिरे सईद ने रैली की अनुमति देने के अपने फैसले का बचाव करने की कोशिश की लेकिन साफ किया कि पाकिस्तानी झंडे लहराना और पाकिस्तान के समर्थन में नारेबाजी करना स्वीकार्य नहीं है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि अधिकारियों ने इसका संज्ञान लिया है। उन्होंने घटनाक्रम का वीडियो ले लिया है। मेरा मानना है कि कानून अपना काम करेगा, कार्रवाई की जाएगी।’

मुफ्ती ने कहा, ‘जहां तक जनसभा की बात है तो मुझे लगता है कि यह ठीक है। जैसा कि मैंने कहा कि लोकतंत्र विचारों का संघर्ष है। उन्हें अपना रास्ता चुनने का, अपने मन की बात कहने का अधिकार है लेकिन जो स्वीकार्य नहीं है, उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।’ राज्य में गठबंधन बनाने के लिए पीडीपी से बातचीत करने में भाजपा की ओर से मुख्य भूमिका निभाने वाले राम माधव ने कहा कि उनकी पार्टी पाकिस्तान समर्थक नारे सुनने के लिए राज्य की सरकार में शामिल नहीं हुई है।

पांच साल के अंतराल के बाद, जम्मू कश्मीर सरकार ने बुधवार को गिलानी को रैली करने की अनुमति दी थी जहां जेल से पिछले माह रिहा हुए मसर्रत आलम सहित उनके समर्थकों ने पाकिस्तान समर्थक नारे लगाए और अन्य ने पाकिस्तानी झंडे लहराए।

गिलानी ने गुरुवार देर शाम एक बयान जारी कर कहा कि वह राज्य सरकार के सामने नहीं झुकेंगे। पुलिस ने श्रीनगर में रैली के दौरान कथित तौर पर राष्ट्र विरोधी नारेबाजी करने के लिए गिलानी और मसर्रत आलम के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून (यूएपीए) कानून के तहत मामला दर्ज किया था।

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