विजय माल्या (फाइल फोटो )
नई दिल्ली:
करोड़ों रुपये के लोन मामले में भारत में 'वांटेड' विजय माल्या को प्रत्यर्पित किया जाए। भारत सरकार ने औपचारिक रूप से यह आग्रह ब्रिटेन से किया है। चमकदमक वाली जीवनशैली जीने के लिए मशहूर माल्या पिछले माह 2 मार्च को लंदन भाग गए थे। इसके बाद से इन्होंने भारत लौटकर जांच और बैंकों का सामना करने के आदेश को नजरअंदाज किया है।
60 साल के माल्या ने वर्ष 2003 में किंगफिशर एयरलाइंस शुरू की थी। उन्होंने वहन किए जाने वाले खर्च में लोगों को हवाई यात्रा मुहैया कराने के वादे के साथ इसकी शुरुआत की थी लेकिन वर्ष 2012 तक यह एयरलाइंस वित्तीय घाटे में आ गई। माल्या ने 20 साल की उम्र में अपने पिता से विरासत में मिले व्यवसाय को संभाला और सर्वश्रेष्ठ सेलिंग वाली किंगफिशर बीयर से इसे नई ऊंचाई पर पहुंचाया था। सांसद के तौर पर उनकी सदस्यता अगले सप्ताह निरस्त की जा सकती है जबकि उनका पासपोर्ट कुछ दिन पहले ही रद्द किया गया है।
भगोड़ा होने से करते रहे हैं इनकार
बैंकों की ओर से माल्या को भारत छोड़ने से रोकने का आग्रह सुप्रीम कोर्ट से किए जाने से पहले ही विजय माल्या लंदन के लिए उड़ान भर चुके थे। बाद में माल्या ने दोहराया था कि वे भगोड़े नहीं हैं क्योंकि उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये 18 बैंकों के कंसोर्टियम से बातचीत की थी। हालांकि बैंकों ने लोन के भुगतान के संबंध में माल्या की ओर से किए गए विभिन्न प्रस्तावों को खारिज कर दिया था।
बैंकों का है 9000 करोड़ से अधिक का कर्ज
गौरतलब है कि माल्या पर बैंकों का करीब 9000 करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज है। इसमें सबसे अधिक कर्ज भारतीय स्टेट बैंक का है, जिसकी रकम करीब 1600 करोड़ रुपए है। इसके अलावा उन पर पंजाब नेशनल बैंक के 800 करोड़ रुपए, आईडीबीआई के 800 करोड़ रुपए, बैंक ऑफ इंडिया के 650 करोड़ रुपए, यूको बैंक के 320 करोड़ रुपए, कॉर्पोरेशन बैंक के 310 करोड़ रुपए, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर के 150 करोड़ रुपए, आईओबी के 140 करोड़ रुपए, फेडरल बैंक के 90 करोड़ रुपए, पंजाब और सिंध बैंक के 60 करोड़ रुपए और एक्सिस बैंक के 140 करोड़ रुपए की देनदारी है।
60 साल के माल्या ने वर्ष 2003 में किंगफिशर एयरलाइंस शुरू की थी। उन्होंने वहन किए जाने वाले खर्च में लोगों को हवाई यात्रा मुहैया कराने के वादे के साथ इसकी शुरुआत की थी लेकिन वर्ष 2012 तक यह एयरलाइंस वित्तीय घाटे में आ गई। माल्या ने 20 साल की उम्र में अपने पिता से विरासत में मिले व्यवसाय को संभाला और सर्वश्रेष्ठ सेलिंग वाली किंगफिशर बीयर से इसे नई ऊंचाई पर पहुंचाया था। सांसद के तौर पर उनकी सदस्यता अगले सप्ताह निरस्त की जा सकती है जबकि उनका पासपोर्ट कुछ दिन पहले ही रद्द किया गया है।
भगोड़ा होने से करते रहे हैं इनकार
बैंकों की ओर से माल्या को भारत छोड़ने से रोकने का आग्रह सुप्रीम कोर्ट से किए जाने से पहले ही विजय माल्या लंदन के लिए उड़ान भर चुके थे। बाद में माल्या ने दोहराया था कि वे भगोड़े नहीं हैं क्योंकि उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये 18 बैंकों के कंसोर्टियम से बातचीत की थी। हालांकि बैंकों ने लोन के भुगतान के संबंध में माल्या की ओर से किए गए विभिन्न प्रस्तावों को खारिज कर दिया था।
बैंकों का है 9000 करोड़ से अधिक का कर्ज
गौरतलब है कि माल्या पर बैंकों का करीब 9000 करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज है। इसमें सबसे अधिक कर्ज भारतीय स्टेट बैंक का है, जिसकी रकम करीब 1600 करोड़ रुपए है। इसके अलावा उन पर पंजाब नेशनल बैंक के 800 करोड़ रुपए, आईडीबीआई के 800 करोड़ रुपए, बैंक ऑफ इंडिया के 650 करोड़ रुपए, यूको बैंक के 320 करोड़ रुपए, कॉर्पोरेशन बैंक के 310 करोड़ रुपए, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर के 150 करोड़ रुपए, आईओबी के 140 करोड़ रुपए, फेडरल बैंक के 90 करोड़ रुपए, पंजाब और सिंध बैंक के 60 करोड़ रुपए और एक्सिस बैंक के 140 करोड़ रुपए की देनदारी है।
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