लखनऊ:
उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में प्रचार की खातिर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जो 'रथ' तैयार करवाया है, वह बेहद शानदार है... 10 पहियों वाला यह 'समाजवादी विकास रथ' दरअसल मर्सिडीज़ की बस है, जिसे ज़रूरत के हिसाब से बदलाव कर 'चुनावी रथ' का रूप दिया गया है, और अगले कई दिनों तक मुख्यमंत्री का घर यही होगा, जब वह राज्य का दौरा कर प्रचार करेंगे...
अखिलेश यादव 'समाजवादी विकास रथ' में अपने दौरे की शुरुआत गुरुवार को करेंगे. मंगलवार सुबह यह रथ लखनऊ में 5, कालिदास मार्ग स्थित उनके आधिकारिक आवास तथा कार्यालय पहुंचा, और तुरंत ही आकर्षण का केंद्र बन गया...
मीडिया से कहा गया कि वे इस रथ को देख सकते हैं, लेकिन छू नहीं सकते...
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वीडियो रिपोर्ट : अखिलेश यादव के 'समाजवादी विकास रथ' में ऑफिस भी, बेडरूम भी...
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जो देखा जा सका, उसमें खास बात थी एक हाइड्रॉलिक लिफ्ट, जिसकी मदद से अखिलेश यादव को ऊंचा उठाया जा सकता है, और वह रोड शो और रैलियों के दौरान जनता को इस बस में रहकर ही संबोधित कर सकेंगे... 'समाजवादी विकास रथ' में सीसीटीवी कैमरे, एलसीडी टेलीविज़न, सोफासेट और बिस्तर भी मौजूद है... विकास को लेकर तैयार किया गया एक प्रचार गीत भी बस में लगाए गए लाउडस्पीकर पर बजता रहता है...
लाल रंग की यह चमकदार बस किसका प्रचार कर रही है, इसे लेकर किसी संदेह की गुंजाइश न छोड़ते हुए बस की साइड में मुख्यमंत्री की बड़ी-सी तस्वीर लगी हुई है, जिसमें वह साइकिल पर सवार दिख रहे हैं, जो उनकी समाजवादी पार्टी का चुनाव चिह्न है, और बस के सामने के हिस्से में भी साइकिल बनी हुई है...
मुख्यमंत्री के पिता और समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव की दो तस्वीरों को बस के पीछे के हिस्से में स्थान दिया गया है, जबकि पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख व अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव को 'समाजवादी विकास रथ' में कोई जगह नहीं मिल पाई है...
गौरतलब है कि पिछले काफी समय से अखिलेश यादव तथा उनके चाचा शिवपाल यादव के बीच पार्टी में ज़ोरदार 'सत्ता संघर्ष' जारी है, जिसकी वजह से मुख्यमंत्री ने अपने पिता से भी दूरी बना ली, क्योंकि मुलायम सिंह ने लगातार अपने भाई का साथ दिया... लेकिन सभी मतभेदों को भुलाकर अखिलेश यादव शनिवार को लखनऊ लौटेंगे, और पिता मुलायम सिंह यादव की अध्यक्षता में होने वाले पार्टी के रजत जयंती समारोह में शिरकत करेंगे...
मुख्यमंत्री कह चुके हैं कि वह अपने बूते प्रचार कर रहे हैं, जबकि उनके पिता भी यह कह चुके हैं कि यदि आने वाले विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी जीत जाती है, तो अखिलेश यादव को ही मुख्यमंत्री के रूप में दूसरा कार्यकाल मिलेगा, यह निश्चित नहीं है...
वैसे, इस लाल बस को देखने से भी साफ है कि मुख्यमंत्री के प्रचार अभियान का फोकस किस ओर है... अखिलेश यादव सरकार द्वारा लॉन्च की गई प्रमुख योजनाओं को बस की साइडों पर प्रमुख स्थान दिया गया है, जिनमें लखनऊ मेट्रो, सरकारी एम्बुलेंस सेवा तथा कुछ ही समय पहले शुरू की गई महत्वाकांक्षी डॉयल-ए-कॉप-हेल्प योजनाएं शामिल हैं...
उधर, कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने हाल ही में उत्तर प्रदेश का छह सप्ताह का दौरा पूरा किया है, जिसके दौरान उन्होंने एसयूवी (कभी-कभी बस में भी) में सफर किया...
अखिलेश यादव 'समाजवादी विकास रथ' में अपने दौरे की शुरुआत गुरुवार को करेंगे. मंगलवार सुबह यह रथ लखनऊ में 5, कालिदास मार्ग स्थित उनके आधिकारिक आवास तथा कार्यालय पहुंचा, और तुरंत ही आकर्षण का केंद्र बन गया...
मीडिया से कहा गया कि वे इस रथ को देख सकते हैं, लेकिन छू नहीं सकते...
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वीडियो रिपोर्ट : अखिलेश यादव के 'समाजवादी विकास रथ' में ऑफिस भी, बेडरूम भी...
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जो देखा जा सका, उसमें खास बात थी एक हाइड्रॉलिक लिफ्ट, जिसकी मदद से अखिलेश यादव को ऊंचा उठाया जा सकता है, और वह रोड शो और रैलियों के दौरान जनता को इस बस में रहकर ही संबोधित कर सकेंगे... 'समाजवादी विकास रथ' में सीसीटीवी कैमरे, एलसीडी टेलीविज़न, सोफासेट और बिस्तर भी मौजूद है... विकास को लेकर तैयार किया गया एक प्रचार गीत भी बस में लगाए गए लाउडस्पीकर पर बजता रहता है...
लाल रंग की यह चमकदार बस किसका प्रचार कर रही है, इसे लेकर किसी संदेह की गुंजाइश न छोड़ते हुए बस की साइड में मुख्यमंत्री की बड़ी-सी तस्वीर लगी हुई है, जिसमें वह साइकिल पर सवार दिख रहे हैं, जो उनकी समाजवादी पार्टी का चुनाव चिह्न है, और बस के सामने के हिस्से में भी साइकिल बनी हुई है...
मुख्यमंत्री के पिता और समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव की दो तस्वीरों को बस के पीछे के हिस्से में स्थान दिया गया है, जबकि पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख व अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव को 'समाजवादी विकास रथ' में कोई जगह नहीं मिल पाई है...
गौरतलब है कि पिछले काफी समय से अखिलेश यादव तथा उनके चाचा शिवपाल यादव के बीच पार्टी में ज़ोरदार 'सत्ता संघर्ष' जारी है, जिसकी वजह से मुख्यमंत्री ने अपने पिता से भी दूरी बना ली, क्योंकि मुलायम सिंह ने लगातार अपने भाई का साथ दिया... लेकिन सभी मतभेदों को भुलाकर अखिलेश यादव शनिवार को लखनऊ लौटेंगे, और पिता मुलायम सिंह यादव की अध्यक्षता में होने वाले पार्टी के रजत जयंती समारोह में शिरकत करेंगे...
मुख्यमंत्री कह चुके हैं कि वह अपने बूते प्रचार कर रहे हैं, जबकि उनके पिता भी यह कह चुके हैं कि यदि आने वाले विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी जीत जाती है, तो अखिलेश यादव को ही मुख्यमंत्री के रूप में दूसरा कार्यकाल मिलेगा, यह निश्चित नहीं है...
वैसे, इस लाल बस को देखने से भी साफ है कि मुख्यमंत्री के प्रचार अभियान का फोकस किस ओर है... अखिलेश यादव सरकार द्वारा लॉन्च की गई प्रमुख योजनाओं को बस की साइडों पर प्रमुख स्थान दिया गया है, जिनमें लखनऊ मेट्रो, सरकारी एम्बुलेंस सेवा तथा कुछ ही समय पहले शुरू की गई महत्वाकांक्षी डॉयल-ए-कॉप-हेल्प योजनाएं शामिल हैं...
उधर, कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने हाल ही में उत्तर प्रदेश का छह सप्ताह का दौरा पूरा किया है, जिसके दौरान उन्होंने एसयूवी (कभी-कभी बस में भी) में सफर किया...
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