उमर अब्दुल्ला का फाइल फोटो
खास बातें
- गृहमंत्री ने उमर अब्दुल्ला, सोनिया गांधी जैसे विपक्षी नेताओं से बातचीत
- उमर ने कहा, स्थिति सामान्य करने का दायित्व राज्य और केंद्र सरकार पर
- आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद घाटी में व्याप्त है तनाव
श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि उन्होंने केंद्र को बताया है कि जब तक सुरक्षाबल अधिकतम संयम नहीं बरतते और प्रदर्शनकारियों की जान लेना बंद नहीं करते, तब तक घाटी में हिंसा खत्म नहीं होगी।
उमर ने ट्विटर पर लिखा, ''गृहमंत्री राजनाथ सिंह जी ने सोमवार ने मुझसे बात की। मैंने उन्हें बताया कि जब तक सुरक्षा बल अधिकतम संयम नहीं बरतते और प्रदर्शनकारियों की जान लेना बंद नहीं करते.. इस हिंसा का दुष्चक्र बंद नहीं होगा।'' उन्होंने कहा कि घाटी को उसी सूरत में वर्तमान स्थिति से बाहर निकाला जा सकता है जब बल का घातक प्रयोग बंद हो।
उन्होंने कहा, ''बल का घातक प्रयोग बंद होने के बाद ही हम घाटी को संकट से बाहर निकालना शुरू कर सकते हैं।'' स्थिति सामान्य करने में हरसंभव मदद का आश्वासन देने वाले विपक्षी नेशनल कांफ्रेंस के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि इसका दायित्व राज्य और केन्द्र सरकार दोनों पर है।
उमर ने लिखा, ''हमारी तरफ से (नेशनल कांफ्रेंस) हम स्थिति सामान्य करने में मदद के लिए हर जरूरी भूमिका निभाएंगे। लेकिन दायित्व राज्य और केंद्र सरकार दोनों का है।'' उन्होंने कहा, ''इसके साथ घायलों का उचित इलाज सुनिश्चित होना चाहिए और अस्पतालों में सभी जरूरी आपूर्ति का पर्याप्त भंडार होना चाहिए।'' केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कश्मीर घाटी की वर्तमान स्थिति को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उमर अब्दुल्ला सहित विपक्षी नेताओं से बात की।
टेलीफोन पर बातचीत के दौरान सिंह ने शुक्रवार को आतंकवादी नेता बुरहान वानी को मार गिराने के बाद घाटी में पैदा तनाव को दूर करने और शांति बहाल करने के प्रयासों को लेकर इन नेताओं से बात की।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)