यूक्रेन में सुरक्षाबलों ने भारतीय छात्रों को डंडों से पीटा! युवती ने ऑडियो भेजकर बयां की दर्दनाक दास्तां

एक छात्रा ने NDTV को ऑडियो क्‍ल‍िप के जरिए बताया कि ''वहां केवल यूक्रेनियनस को अंदर भेज रहे थे. काफी कोशिश के बाद सिर्फ इंडियन लड़कियों को अंदर जाने दिया गया. उसके बाद पुलिस ने भारतीय लड़कों को बहुत मारा.

नई दिल्ली:

यूक्रेन की सीमा के पास छात्रों के साथ पिटाई का आरोप यूक्रेन के सुरक्षा बलों पर लगा है. रोमानिया की सीमा तक किसी तरह बड़ी संख्या में छात्र पहुंचे हैं. लेकिन इन्हें अभी भी रोमानिया की सीमा में दाखिला नहीं मिला है. यूक्रेन की सीमा के पास कुछ भारतीय छात्रों के साथ यूक्रेन के सुरक्षाबलों ने मारपीट की है. पुलिस द्वारा डंडों से पिटाई करने का वीडियो सामने आया है. कुछ जगहों पर छात्रों का कहना है कि उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है.

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शेहयानी बॉर्डर से एक छात्रा ने NDTV को ऑडियो क्‍ल‍िप के जरिए बताया कि ''वहां केवल यूक्रेनियनस को अंदर भेज रहे थे. काफी कोशिश के बाद सिर्फ इंडियन लड़कियों को अंदर जाने दिया गया. उसके बाद वहां पुलिस आई और उसने भारतीय लड़कों को बहुत मारा. मारने के बाद उन्होंने लड़कों को टॉर्चर किया. जिसको अस्थमा था, उसको स्टम करके दिखाया कि how he is breathless. अंदर हमें हंटर नाम का एक गेम खेलने को कहा गया, जिसके बारे में हमें नहीं पता था. वो गन और डंडे के साथ खड़े थे. उन्होंने कहा कि आपको ये गेम खेलना है, उससे विज़ा मिलेगा और जो लोग वहां थे उनको लात से मारा है, हाथ से मारा है. लड़का लड़की कुछ नहीं देख रहे हैं.''

इससे पहले यूक्रेन से लौटी तमिलनाडु की एक छात्रा ने रविवार को बताया कि भारतीय छात्रों को रोमानिया की सीमा पर पहुंचने के लिए पांच से आठ किलोमीटर तक का सफर पैदल तय करना पड़ा. यहां पहुंचे छात्रों ने कहा कि भारतीय अधिकारियों ने उन्हें रोमानिया से वापस लाने के लिए तेजी से काम किया. पश्चिमी यूक्रेन के एक संस्थान की छात्रा सेल्वप्रिया ने कहा कि पश्चिमी क्षेत्र में स्थिति कम तनावपूर्ण है और हालात बिगड़ने से पहले भारतीय दूतावास ने छात्रों को तत्काल रोमानिया पहुंचा दिया. छात्रा ने हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमें जल्दी निकाल लिया गया, इसलिए हम (युद्ध के) प्रभाव से बच गए लेकिन यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में बड़ी संख्या में छात्र फंसे हैं.''

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तमिलनाडु के पुडुकोट्टई जिले की निवासी सेल्वप्रिया ने कहा कि पश्चिमी क्षेत्र के कई छात्रों ने रोमानिया की सीमा पार कर ली है और वे मुंबई या दिल्ली पहुंचने के बाद अपने घरों तक पहुंच जाएंगे. यूक्रेन से रोमानिया पहुंचने के अनुभव के बारे में उन्होंने कहा कि युद्ध के कारण सीमा के निकट राजमार्ग पर भारी यातायात जाम है और उन्हें रोमानिया पहुंचने के लिए पांच से आठ किलोमीटर की यात्रा पैदल तय करनी पड़ी.

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वहीं, एक अन्य छात्र ने कहा कि उसे और अन्य छात्रों को रोमानिया सीमा पर पहुंचने तक ही मुश्किल का सामना करना पड़ा तथा इसके बाद की यात्रा आसान रही. छात्रों ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन को धन्यवाद दिया. प्रवासी तमिल कल्याण मंत्री जिंगी के एस मस्तान ने यूक्रेन से लौटे तमिलनाडु के पहले पांच छात्रों का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के लगभग पांच हजार छात्र यूक्रेन में हैं और उन सभी को वापस लाने का प्रयास किया जा रहा है. केरल के भी 12 छात्र यहां पहुंचे. (इनपुट भाषा से...)