कांग्रेस ने महाराष्ट्र में शक्ति परीक्षण कराने के उच्चतम न्यायालय के आदेश का स्वागत किया है. पार्टी ने फैसले को "लोकतंत्र की जीत" बताते हुए इसकी प्रशंसा की और कहा कि यह "भाजपा-अजित पवार की अवैध" सरकार पर एक "तमाचा" है. पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा ने लोकतंत्र को "कलंकित" किया जबकि उच्चतम न्यायालय ने संविधान दिवस के मौके पर आदेश देकर राष्ट्र को भेंट दी. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, "उच्चतम न्यायालय का फैसला भाजपा-अजित पवार की नाजायज सरकार पर तमाचा है, जिसने 'जनादेश' को बंधक बना लिया था. फर्जीवाड़े की नींव पर बनी सरकार को संविधान दिवस के मौके पर शिकस्त मिली."
सुप्रीम कोर्ट का निर्णय भाजपा-अजित पवार की नाजायज़ सरकार को तमाचा है, जिन्होंने ‘जनादेश' को बंधक बना रखा था।
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) November 26, 2019
‘फ़्लोर टेस्ट' को टाल चोर दरवाज़े से सत्ता हथियाने वालों की उल्टी गिनती शुरू हुई।
सविंधान दिवस पर असविंधानिक ताक़तों को शिकस्त मिली और सत्य की जीत हुई। pic.twitter.com/t4YpwHpLFA
शीर्ष अदालत के आदेश के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने महाराष्ट्र विधानसभा में बुधवार को शक्ति परीक्षण कराए जाने के अदालत के फैसले पर संतुष्टि प्रकट की और कहा कि कांग्रेस, शिवसेना और राकांपा गठबंधन को सदन में बहुमत हासिल है.
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गौरतलब है कि महाराष्ट्र में सरकार गठन पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा कि बुधवार शाम पांच बजे से पहले फ्लोर टेस्ट करवाया जाए. कोर्ट ने कहा कि लोकतांत्रिक मूल्य स्थापित करने के लिए कोर्ट हैं और कोर्ट और संसदीय कार्यवाही के बीच बाउंड्री की जरूरत है. कोर्ट ने कहा कि फ्लोर टेस्ट की वीडियो रिकॉर्डिंग और लाइव टेलीकास्ट हो और यह सीक्रेट बैलेट से नहीं होगा. कोर्ट ने प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति के भी आदेश दिए.
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