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This Article is From Nov 12, 2021

गोरखपुर में कारोबारी मनीष गुप्ता की हत्या का केस दिल्ली CBI अदालत को ट्रांसफर

3 नवंबर से ही सीबीआई ने मामले की जांच शुरू कर दी थी और मामले में दोषी पुलिसवालों को निलंबित कर  उन्हें गिरफ्तार किया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल को दिल्ली की CBI अदालत में ट्रांसफर कर दिया है. यूपी सरकार ने भी कोर्ट के इस निर्णय में सहमति जताई है.

गोरखपुर में कारोबारी मनीष गुप्ता की हत्या का केस दिल्ली CBI अदालत को ट्रांसफर
गोरखपुर में कारोबारी मनीष गुप्ता की हत्या का केस सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली CBI अदालत को ट्रांसफर कर दिया है. फाइल फोटो
नई दिल्ली:

उत्तरप्रदेश के गोरखपुर में कारोबारी मनीष गुप्ता की हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल को दिल्ली की CBI अदालत में ट्रांसफर कर दिया है. यूपी सरकार ने भी कोर्ट के इस निर्णय में सहमति जताई है. यूपी सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि याचिका में अब कुछ बचा नहीं है. इस मामले में घटना के अगले ही दिन जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की गई थी.कारोबारी की पत्नी की ओर से ही यह कहा गया था कि ट्रायल को यूपी से बाहर दिल्ली या कहीं ओर ट्रांसफर किया जाए.

गौरतलब है कि 3 नवंबर से ही सीबीआई ने मामले की जांच शुरू कर दी थी और मामले में दोषी पुलिसवालों को निलंबित कर  उन्हें गिरफ्तार किया गया है, फिलहाल वे न्यायिक हिरासत में हैं. कारोबारी की पत्नी को सरकारी नौकरी भी दी गई है. 

SG तुषार मेहता ने कहा कि उनकी राय ये है कि ट्रायल को दिल्ली ट्रांसफर किया जा सकता है. इस पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने मामले की CBI जांच की याचिका पर यूपी सरकार और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने पूछा था कि मुख्यमंत्री से सीबीआई जांच की सिफारिश की है?  

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इससे पहले एक प्रेस नोट जारी कर कहा गया था कि मामले की सीबीआई जांच के लिए सिफारिश की गई है, लेकिन इतना समय बीतने के बाद भी कुछ नहीं किया है.  यहां तक कि यूपी पुलिस की SIT ने क्राइम सीन का रिकंस्ट्रक्शन भी नहीं किया है. मामले में कारोबारी मनीष गुप्ता की पत्नी ने की ओर से याचिका दाखिल कर जांच को CBI ट्रांसफर करने की मांग की गई थी.

याचिका में कहा गया है कि उन्हें यूपी पुलिस की SIT जांच पर भरोसा नहीं है. यूपी पुलिस ने इस मामले में शुरू से ही आरोपियों को बचाने की कोशिश की है. पहले इसे दुर्घटना बताया गया,  48 घंटे बाद FIR दर्ज की गई, लिहाजा मामले की जांच CBI को सौंपी जाए और ट्रायल को दिल्ली की CBI कोर्ट में ट्रांसफर किया जाए.

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गौरतलब है कि कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता 27 सितंबर की सुबह आठ बजे गोरखपुर अपने दो दोस्तों हरवीर व प्रदीप के साथ घूमने गए थे.  तीनों युवक तारामंडल स्थित होटल कृष्णा पैलेस में ठहरे थे. 27 सितंबर की रात ही रामगढ़ताल थाना प्रभारी इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह, फलमंडी चौकी प्रभारी रहे अक्षय मिश्रा सहित छह पुलिस वाले आधी रात के बाद होटल में चेकिंग को पहुंच गए थे. कमरे की तलाशी लेने पर मनीष ने आपत्ति जताई तो पुलिसकर्मियों से उनका विवाद हो गया. आरोप है कि पुलिस वालों ने उनकी पिटाई कर दी थी जिससे उनकी मौत हो गई थी. 

शुरुआत में पुलिस की ओर से नशे में गिरने से मौत बताया गया था मगर बाद में केस दर्ज किया गया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मनीष के शरीर पर कई जगह चोट के निशान मिले. मनीष की पत्नी मीनाक्षी की शिकायत पर पुलिस ने तीन नामजद और तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया.

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