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This Article is From Apr 07, 2018

सरकारी भर्तियों की हो वीडियोग्राफी: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने विशेष रूप से राज्य लोक सेवा आयोगों और राज्य चयन बोर्डों द्वारा सार्वजनिक पदों के लिए संचालित की जाने वाली चयन प्रक्रिया की वीडियोग्राफी किए जाने का समर्थन किया, ताकि इस समूची कवायद की शुचिता कायम रह सके.

सरकारी भर्तियों की हो वीडियोग्राफी: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
  • इस समूची कवायद की शुचिता कायम रह सके: सुप्रीम कोर्ट
  • सीसीटीवी कैमरे परीक्षा और साक्षात्कार केंद्रों में लगाए जाने चाहिए
  • फुटेज की तीन सदस्यीय एक स्वतंत्र कमेटी द्वारा जांच की जा सकती है
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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने विशेष रूप से राज्य लोक सेवा आयोगों और राज्य चयन बोर्डों द्वारा सार्वजनिक पदों के लिए संचालित की जाने वाली चयन प्रक्रिया की वीडियोग्राफी किए जाने का समर्थन किया, ताकि इस समूची कवायद की शुचिता कायम रह सके. शीर्ष न्यायालय ने दूरगामी प्रभाव रखने वाले अपने एक आदेश में यह भी कहा कि सीसीटीवी कैमरे परीक्षा और साक्षात्कार केंद्रों में लगाए जाने चाहिए. साथ ही, उनके फुटेज की तीन सदस्यीय एक स्वतंत्र कमेटी द्वारा जांच की जा सकती है.

न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल और न्यायमूर्ति रोहिंटन नरीमन की सदस्यता वाली एक पीठ ने कहा, 'हमारा मानना है कि सार्वजनिक पदों पर चयन की शुचिता के लिए यह जरूरी है कि चयन संस्थाओं, विशेष रूप से राज्य लोक सेवा आयोग और राज्य चयन बोर्डों द्वारा चयन की प्रक्रिया की यथासंभव वीडियोग्राफी कराई जाए.’ 

पीठ ने सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री को अपने आदेश की एक प्रति कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग को भेजने का निर्देश दिया है, ताकि इसे अनुपालन के लिए संबद्ध प्राधिकारों के पास भेजा जा सके. मेघालय से जुड़े एक मामले पर सुनवाई के दौरान न्यायालय का यह आदेश आया है. 

न्यायालय ने कहा कि राज्य में सरकारी लोअर प्राइमरी स्कूलों में सहायक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए चयन प्रक्रिया में घोर अनियमितता बरती गई. 
 

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