वरिष्ठ अधिवक्ता सौरभ किरपाल को दिल्ली हाईकोर्ट का जज बनाने की सिफारिश, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम का बड़ा कदम

2017 में दिल्ली हाईकोर्ट की तत्कालीन चीफ जस्टिस गीता मित्तल की अगुआई में कॉलेजियम ने सौरभ किरपाल को दिल्ली हाईकोर्ट का जज नियुक्त करने की सिफारिश की थी.

वरिष्ठ अधिवक्ता सौरभ किरपाल को दिल्ली हाईकोर्ट का जज बनाने की सिफारिश, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम का बड़ा कदम

सौरभ किरपाल को दिल्ली हाईकोर्ट का जज बनाने की सिफारिश पहले भी की गई

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने बड़ा कदम उठाते हुए वरिष्ठ वकील सौरभ किरपाल (Saurabh Kirpal)  को दिल्ली हाईकोर्ट का जज (Delhi High Court judge) बनाने की सिफारिश की है. ये सिफारिश केंद्र सरकार को भेजी गई है. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम (Supreme Court Collegium) ने की केंद्र को पहले भेजी सिफारिश को दोहराया है. सौरभ किरपाल सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस बीएन किरपाल के बेटे हैं. दिल्ली हाई कोर्ट के जज के रूप में उनकी नियुक्ति का मामला कई बार अटका है. वो समलैंगिक अधिकारों की वकालत करते आए हैं.

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पिछले तीन सालों में सौरभ किरपाल कई बार सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की बैठकों में चर्चित हुए हैं. सबसे पहले 2017 में दिल्ली हाईकोर्ट की तत्कालीन चीफ जस्टिस गीता मित्तल की अगुआई में कॉलेजियम ने सौरभ किरपाल को दिल्ली हाईकोर्ट का जज नियुक्त करने की सिफारिश की थी.

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इसके करीब साल भर बाद 2018 में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने किरपाल पर चर्चा तो की लेकिन सिफारिश करने का फैसला टाल दिया. फिर करीब साल भर बाद जनवरी और अप्रैल में हुई सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम में ये मामला टलता ही रहा. पिछले साल मार्च में दिल्ली हाईकोर्ट के सभी 31 जजों के फुलकोर्ट सत्र में सौरभ किरपाल को सीनियर वकील घोषित कर दिया गया.

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गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीशों का कॉलेजियम (चयन मंडल) उच्चतम न्यायालय और हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति के लिए नामों की सिफारिश केंद्र को भेजता है. केंद्र इन सिफारिशों पर गौर करता है और एक बार पुनर्विचार के लिए कॉलेजियम को लौटा सकता है. हालांकि कॉलेजियम इस अनुरोध को न मानते हुए दोबारा उसी नाम की सिफारिश केंद्र सरकार को वापस भेज सकती है. दोबारा भेजने पर केंद्र को इसे मंजूर करना पड़ता है