यह ख़बर 29 जून, 2012 को प्रकाशित हुई थी

सरबजीत का परिवार अनशन पर, कृष्णा से की मुलाकात

खास बातें

  • पाकिस्तानी जेल में मृत्युदंड का सामना कर रहे भारतीय कैदी सरबजीत सिंह के परिवार ने गुरुवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर आमरण अनशन शुरू कर दिया। परिजनों ने सरबजीत की वापसी के प्रयास तेज करने के लिए सरकार से आग्रह किया है।
नई दिल्ली:

पाकिस्तानी जेल में मृत्युदंड का सामना कर रहे भारतीय कैदी सरबजीत सिंह के परिवार ने गुरुवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर आमरण अनशन शुरू कर दिया। परिजनों ने सरबजीत की वापसी के प्रयास तेज करने के लिए सरकार से आग्रह किया है।
 
सरबजीत सिंह के परिवार ने विदेश मंत्री एसएम कृष्णा से भी मुलाकात की। मंत्री ने पाकिस्तान की जेल से सरबजीत की रिहाई के लिए सरकार की तरफ से हरसम्भव उपाय किए जाने का आश्वासन दिया। परिवार के करीबी लोगों सहित सरबजीत के 200 सौ से अधिक समर्थक जंतर मंतर पर जुटे।
 
गौरतलब है कि पाकिस्तान मंगलवार रात सरबजीत की रिहाई की अपनी बात से पलट गया था। पूर्व में घोषणा की गई थी कि जरदारी ने सरबजीत की मृत्युदंड की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है और उसे रिहा किया जाएगा।
 
बाद में राष्ट्रपति के प्रवक्ता ने कहा था कि सरबजीत के स्थान पर एक अन्य भारतीय कैदी सुरजीत सिंह को रिहा किया जाएगा। सुरजीत जासूसी के आरोपों में तीन दशक से पाकिस्तानी जेल में कैद थे।
 
सरबजीत की बहन दलबीर कौर ने गुरुवार को कृष्णा से मुलाकात के बाद कहा, "विदेश मंत्री ने बताया कि इस मुद्दे को कई बार पाकिस्तान के समक्ष उठाया गया है और अगले महीने होने वाली विदेश सचिव स्तर की वार्ता के दौरान भारत इस मामले को फिर उठाएगा। उन्होंने कहा कि भारत उन्हें पाकिस्तानी जेल में नहीं रहने देगा और मेरा भाई जल्दी ही रिहा हो जाएगा।" इससे पहले कृष्णा ने एक अन्य भारतीय कैदी सुरजीत सिंह की रिहाई पर खुशी व्यक्त की।
 
कृष्णा ने संवाददाताओं से कहा, "मुझे खुशी है कि सुरजीत सिंह रिहा हो गए हैं। मैं उम्मीद करता हूं कि पाकिस्तान सरबजीत की रिहाई पर भी गम्भीरता से विचार करेगा।"
 
सरबजीत की रिहाई के लिए बीते कुछ वर्षों से अभियान चला रही उनकी बहन दलबीर कौर ने कहा, "पाकिस्तान ने हमारे साथ क्रूर मजाक किया है और हम एक बार फिर पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से सरबजीत की रिहाई की गुजारिश कर रहे हैं।"
 
खुद को ठगा महसूस कर रहे परिवार का कहना है कि सरबजीत अगस्त 1990 में गलती से पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश कर गए थे, जहां उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। वह चंडीगढ़ से 280 किलोमीटर दूर भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थित भिखिविंद गांव के रहने वाले हैं।
 
बाद में पाकिस्तान में सरबजीत की मनजीत सिंह के रूप में पहचान हुई और उन्हें दो बम विस्फोटों के मामलों में आरोपी बनाया गया। विस्फोटों में 14 लोगों की जान गई थी। पाकिस्तानी अदालतों ने उन्हें मृत्युदंड सुनाया लेकिन यहां उनके परिवार का दावा है कि वह निर्दोष हैं।
 
जंतर मंतर पर प्रदर्शन का आयोजन गाजियाबाद के सचकंद नानक धाम में रहने वाले सिख समुदाय के लोगों ने किया है। वे पोस्टर लिए हुए थे, जिन पर लिखा था, "पाकिस्तान, सरबजीत की रिहाई से पलटा क्यों?" प्रदर्शनकारी धरना स्थल पर गुरु ग्रंथ साहिब का अखंड पाठ कर रहे हैं।
 
दलबीर कौर ने कहा कि उनका सरकार पर और उनके भाई की रिहाई के लिए किए जा रहे उपायों पर पूरा भरोसा है। उन्होंने कहा, "पाकिस्तान ने जो भूल की है, वह अब उसे सुधारे। उसकी कार्रवाई पर समूची दुनिया की निगाहें टिकी हुई हैं। पाकिस्तान उन्हें जवाब दे।" आयोजकों ने कहा कि सरबजीत की रिहाई होने तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।


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