यह ख़बर 01 अक्टूबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

संजीव भट्ट को न्यायिक हिरासत में भेजा गया

खास बातें

  • अदालत ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट की पुलिस हिरासत की याचिका ठुकरा दी और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
अहमदाबाद:

अदालत ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट की पुलिस हिरासत की याचिका ठुकरा दी और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया। भट्ट ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी पर वर्ष 2002 के गुजरात दंगों में संलिप्तता का आरोप लगाया था। पुलिस ने भट्ट के सात दिनों के पुलिस हिरासत की मांग की थी। उन्हें कांस्टेबल केडी पंत की शिकायत पर गिरफ्तार किया गया था। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बीजी दोशी ने पुलिस आग्रह खारिज कर दिया और भट्ट को 15 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। आज ही भट्ट की पत्नी श्वेता ने कहा था कि उसके पति के जान को खतरा है क्योंकि उन्हें शहर पुलिस की अपराध शाखा को सौंप दिया गया है। उधर, शहर के पुलिस आयुक्त सुधीर सिन्हा का कहना है कि उनकी आशंका निराधार है। पुलिस आज दिन में भट्ट के घर की तलाशी लेने गई थी मगर ताजा तलाशी वारंट की श्वेता की मांग पर उसे खाली हाथ लौटना पड़ा। श्वेता ने आरोप लगाया है कि सच बोलने पर पुलिस उनके पति को प्रताड़ित कर रही है। भट्ट को कांस्टेबल पंत की ओर से दर्ज कराई गई प्राथमिकी के आधार पर गिरफ्तार किया गया है। भट्ट पर भारतीय दंड संहिता की धाराओं 341, 342, 195 और 189 के तहत मामला दर्ज किया गया है।


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