विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ लगे रेप के मामले की जांच सीबीआई ने गुरुवार को शुरू की थी.
लखनऊ:
उन्नाव रेप के मामले में बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को हिरासत ले लिया गया है. सीबीआई ने सुबह 5 बजे विधायक को हिरासत में लिया है. हालांकि उनकी गिरफ्तारी होगी या नहीं यह सीबीआई को तय करना है. हालांकि यूपी पुलिस ने हाईकोर्ट में बताया है कि उनको गिरफ्तार करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं है. अब यह देखने वाली बात होगी केंद्रीय जांच एजेंसी कितने सबूत जुटा पाती है.
उन्नाव रेप केस और विधायक कुलदीप सिंह सेंगर से जुड़ी बड़ीं बातें
- यूपी के गृह सचिव अरविंद कुमार ने कहा है कि पुलिस ने दर्ज मामलों के आधार पर कार्रवाई की है और अब इस मामले की विवेचना के लिए सीबीआई को यह केस सौंपा जा रहा है. आगे की कार्रवाई सीबीआई गुण-दोष के आधार पर करेगी.
- विधायक कुलदीप सेंगर के ख़िलाफ़ दर्ज एफआईआर में आईपीसी की धारा 363 (अपहरण), 366 (अपहरण कर शादी के लिए दवाब डालना), 376 (बलात्कार), 506(धमकाना) और पॉस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है.
- SIT की शुरुआती रिपोर्ट के बाद कुलदीप सेंगर के ख़िलाफ़ FIR का फ़ैसला लिया गया है. इसके साथ ही मामले की जांच CBI से कराने का फ़ैसला लिया गया है.
- गृह सचिव अरविंद कुमार ने बताया कि एसआईटी रिपोर्ट में कई जगहों पर लापरवाही की बात सामने आई. इतना ही नहीं, जिला चिकित्सालय के रिपोर्ट पर कारागार में लापरवाही की भी बात सामने आई थी.
- रिपोर्ट के मुताबिक जेल दाखिले से पहले मृतक का मेडिकल टेस्ट सही से नहीं किया गया. इसलिए जिला मेडिकल के सीएमएस, इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर प्रशांत उपाध्याय और तीन अन्य डॉक्टरों को निलंबित किया गया.
- पुलिस ने जब प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को सम्मान दे कर संबोधित किया, उसके बाद पत्रकारों की ओर से होती प्रतिक्रिया देख उन्होंने कहा कि विधायक अभी आरोपी हैं, दोषी नहीं.
- गृह सचिव ने विधायक के खिलाफ जो रेप का आरोप है, सीबीआई अब इस मामले की कार्रवाई करेगी और उसकी गिरफ्तारी का जिम्मा अब सीबीआई के हाथ में है.
- कुलदीप सिंह सेंगर लगातार चार बार से विधायक है और कभी चुनाव नहीं हारे. इतना ही नहीं तीन बार उनका निर्वाचन क्षेत्र अलग-अलग रहा है.
- कुलदीप सिंह सेंगर ने राजनीति की शुरुआत कांग्रेस से की और 2002 का चुनाव कांग्रेस की टिकट पर उन्नाव से लड़ा और जीते.
- यूपी के गृह सचिव अरविंद कुमार ने कहा है कि पुलिस ने दर्ज मामलों के आधार पर कार्रवाई की है और अब इस मामले की विवेचना के लिए सीबीआई को यह केस सौंपा जा रहा है. आगे की कार्रवाई सीबीआई गुण-दोष के आधार पर करेगी.
- विधायक कुलदीप सेंगर के ख़िलाफ़ दर्ज एफआईआर में आईपीसी की धारा 363 (अपहरण), 366 (अपहरण कर शादी के लिए दवाब डालना), 376 (बलात्कार), 506(धमकाना) और पॉस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है.
- SIT की शुरुआती रिपोर्ट के बाद कुलदीप सेंगर के ख़िलाफ़ FIR का फ़ैसला लिया गया है. इसके साथ ही मामले की जांच CBI से कराने का फ़ैसला लिया गया है.
- गृह सचिव अरविंद कुमार ने बताया कि एसआईटी रिपोर्ट में कई जगहों पर लापरवाही की बात सामने आई. इतना ही नहीं, जिला चिकित्सालय के रिपोर्ट पर कारागार में लापरवाही की भी बात सामने आई थी.
- रिपोर्ट के मुताबिक जेल दाखिले से पहले मृतक का मेडिकल टेस्ट सही से नहीं किया गया. इसलिए जिला मेडिकल के सीएमएस, इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर प्रशांत उपाध्याय और तीन अन्य डॉक्टरों को निलंबित किया गया.
- पुलिस ने जब प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को सम्मान दे कर संबोधित किया, उसके बाद पत्रकारों की ओर से होती प्रतिक्रिया देख उन्होंने कहा कि विधायक अभी आरोपी हैं, दोषी नहीं.
- गृह सचिव ने विधायक के खिलाफ जो रेप का आरोप है, सीबीआई अब इस मामले की कार्रवाई करेगी और उसकी गिरफ्तारी का जिम्मा अब सीबीआई के हाथ में है.
- कुलदीप सिंह सेंगर लगातार चार बार से विधायक है और कभी चुनाव नहीं हारे. इतना ही नहीं तीन बार उनका निर्वाचन क्षेत्र अलग-अलग रहा है.
- कुलदीप सिंह सेंगर ने राजनीति की शुरुआत कांग्रेस से की और 2002 का चुनाव कांग्रेस की टिकट पर उन्नाव से लड़ा और जीते. इसके बाद वह कांग्रेस का साथ छोड़कर 2007 में बीएसपी की टिकट पर बांगरमऊ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीते भी लेकिन इसके बाद उनकी मायावती से ज्यादा नहीं बनी और उन्होंने पार्टी छोड़ दी.
- हाथी का साथ छोड़कर वह साइकिल पर सवार हुए. उन्होंने 2012 का विधानसभा चुनाव सपा की टिकट पर लड़ा. मुलायम ने उन्हें भंगवत नगर सीट से टिकट दी और उन्होंने जीत हासिल की.
- इसके बाद वो हवा का रुख समझ गए और उन्होंने सपा साथ छोड़ दिया और इस बार बीजेपी का दामन थामा. यूपी में 2017 के विधानसभा चुनाव बीजेपी से लड़ा. बीजेपी ने कुलदीप सिंह सेंगर को बांगरमऊ से टिकट दे दिया और उन्होंने विधानसभा चुनाव में चौथी बार जीत हासिल की.
- कुलदीप सिंह सेंगर ने 2007 में चुनावी घोषणा पत्र में संपत्ति 36 लाख बताई थी और 2012 में उनकी संपत्ति एक करोड़ 27 लाख की हो गई थी. वहीं 2017 के चुनावी घोषणा पत्र के मुताबिक, उनकी संपत्ति 2 करोड़ 14 लाख तक पहुंच गई.