शिवसेना सेना नेता संजय राउत ने शनिवार को कहा कि जो लोग हिंदूवादी विचारक वी डी सावरकर को भारत रत्न दिये जाने का विरोध कर रहे हैं उन्हें अंडमान की सेल्युलर जेल में दो दिन गुजारने के लिए भेजा जाना चाहिए, जहां स्वतंत्रता सेनानी को कारावास के दौरान रखा गया था. राउत के इस बयान से वैचारिक रूप से भिन्न कांग्रेस और राकांपा के साथ महाराष्ट्र में सत्ता में साझेदारी कर रही उनकी पार्टी के लिये मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं. कांग्रेस सावरकर को देश का शीर्ष नागरिक सम्मान दिये जाने के विरूद्ध है जबकि दक्षिणपंथी दल उन्हें बड़े सम्मान की नजर से देखते हैं.
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राउत ने कहा, ‘‘सावरकर के विरोधियों को ब्रिटिश शासन के दौरान उन्हें हुई कठिनाइयों को समझने के लिए (पिछली) अंडमान सेल्युलर जेल में दो दिन गुजारना चाहिए.'' कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दिसंबर, 2019 में ‘भारत में बलात्कार' संबंधी अपने बयान पर यह कहते हुए माफी मांगने से इनकार कर दिया था, ‘‘मेरा नाम राहुल गांधी है, न कि राहुल सावरकर.'' उनके इस बयान से विवाद खड़ा हो गया था.
राउत के बयान पर महाराष्ट्र के मंत्री और युवा सेना के अध्यक्ष आदित्य ठाकरे ने कहा कि अतीत में डुबकी लगाने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि किस हैसियत से राउत ने यह बयान दिया. उन्होंने कहा, ‘‘महाराष्ट्र विकास अघाडी लोगों की आकांक्षाओं की बात करती है. कई लोगों को इस बात से बुरा लग रहा है कि कांग्रेस और शिवसेना के बीच कोई टकराव नहीं है.''
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आदित्य ठाकरे ने कहा, ‘‘विभिन्न विचारधाराएं होने के बावजूद दोनों दल देश और राज्य के हित में साथ आए. लोकतंत्र का मतलब है कि विभिन्न विचारधाराएं देशहित में मिलकर काम कर सकती हैं.'' उन्होंने कहा कि वह स्वतंत्रता आंदोलन के सभी दिग्गजों का सम्मान करते हैं.
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