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This Article is From Jun 24, 2021

यूपी में चुनाव से पहले बीजेपी पर दबाव, निषाद पार्टी के संजय बोले- मुझे बनाएं डिप्टी सीएम पद का चेहरा

यूपी में चुनाव के पहले तेज हुई सहयोगियों के दबाव की राजनीति. अब निषाद पार्टी के संजय निषाद ने कहा कि चुनाव में मुझे डिप्टी सीएम पद का चेहरा बनाए बीजेपी.

यूपी में चुनाव से पहले बीजेपी पर दबाव, निषाद पार्टी के संजय बोले- मुझे बनाएं डिप्टी सीएम पद का चेहरा
अरविंद कुमार शर्मा ने निषाद समाज के वरिष्ठ नेता डॉ संजय निषाद और संत कबीर नगर से सांसद प्रवीण निषाद से भेंट की
लखनऊ:

यूपी में एक तरफ बीजेपी अपने घर में सबको साथ लेकर चलने की कोशिश कर रही है, वहीं चुनाव से पहले छोटे दल उस पर दबाव बढ़ाने लगे हैं. निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने बीजेपी से मांग की है कि चुनाव में उन्हें डिप्टी सीएम पद के चेहरे के तौर पर पेश किया जाए. उन्होंने ये भी कहा कि वो हमें खुश नहीं रखेंगे तो वो भी खुश नहीं रह पाएंगे. हमारे लोग चाहते हैं निषाद का बेटा सीएम हो. सभी बिरादरी के लोग सीएम बन चुके हैं, हमारे लोग मुझे मुख्यमंत्री देखना चाहते हैं. मैंने बीजेपी को कहा है कि मुझे उपमुख्यमंत्री का चेहरा बनाएं. फिर देखिए 2022 में कैसे सरकार बनेगी.

उधर, इसी साल प्रशासनिक सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृति लेकर बीजेपी में शामिल होने वाले अरविंद कुमार शर्मा ने निषाद समाज वरिष्ठ नेता डॉ संजय कुमार निषाद और संत कबीर नगर से सांसद प्रवीण निषाद से दिल्ली में मुलाकात की. बताया जाता है कि सहयोगी दल, योगी मंत्रिमंडल में खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं. अपना दल को जगह मिलने पर चर्चा हुई.

बता दें कि पंचायत चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद बीजेपी नेतृत्व यूपी चुनावों को लेकर तैयारियों में लगा है. योगी के कामकाज की समीक्षा के लिए एक वरिष्ठ नेताओं को यूपी भी भेजा गया था. यही नहीं पार्टी में नाराज नेताओं को भी मनाने की जुगत जारी है. खुद CM योगी 4 साल में पहली बार डिप्टी सीएम केशव मौर्य के निवास पर उनसे मुलाकात करने पहुंचे थे. ये सुनने में बहुत ही सामान्य बात लगती है. कोई बड़ी बात नहीं लगती है. दोनों साथ में काम करते हैं, इस लिहाज से एक-दूसरे के घरों में आना-जाना होना चाहिए. तब जबकि घर बिल्कुल नजदीक हो. लेकिन चार साल लग गए ये यात्रा करने में, यानी मुख्यमंत्री को अपने उपमुख्यमंत्री के घर जाने में. आज जब योगी आदित्यनाथ गए हैं तो अकेले नहीं गए. उनके साथ उनके दूसरे उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा थे. इसके अलावा आरएसएस के बड़े नेता भी उनके साथ थे.

पिछले सप्ताह योगी आदित्यनाथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा से मिलने दिल्ली भी गए थे. योगी आदित्यनाथ के खिलाफ पार्टी में असंतोष की ध्वनी देखने को मिली है. कई नेताओं ने निजी तौर पर कोविड संकट से निपटने और अपनी पार्टी के नेताओं के लिए भी उनकी अनुपलब्धता को लेकर चिंता जाहिर की थी. कईयों ने इस महामारी के संकट से निपटने की उनकी नीतियों को लेकर पत्र भी लिखे थे.

अप्रैल महीने में कानून मंत्री और पार्टी के प्रमुख ब्राह्मण चेहरा बृजेश पाठक का एक 'गोपनीय' पत्र सोशल मीडिया पर सामने आया था. इसमें उन्होंने राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों पर निशाना साधते हुए शिकायत की थी कि कोविड रोगियों के लिए बिस्तर बहुत कम थे और राज्य की राजधानी में भी एम्बुलेंस आने में घंटों लग जाते थे. मंत्री ने पत्र की प्रामाणिकता को खारिज नहीं किया.  लेकिन भाजपा स्पष्ट कर चुकी है पार्टी के सबसे प्रमुख चेहरों में से एक योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में ही अगले साल विधानसभा चुनाव लड़ा जाएगा.

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