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This Article is From Dec 30, 2016

अखिलेश, रामगोपाल यादव 6 साल के लिए सपा से बाहर | नेताजी को पार्टी का संविधान नहीं मालूम- रामगोपाल

अखिलेश, रामगोपाल यादव 6 साल के लिए सपा से बाहर | नेताजी को पार्टी का संविधान नहीं मालूम- रामगोपाल
फोटो- प्रेस कॉन्‍फ्रेंस का संबोधित करते मुलायम और शिवपाल यादव...
लखनऊ/नई दिल्‍ली: समाजवादी पार्टी कुनबे में टिकट वितरण को लेकर जारी रार शुक्रवार को आर-पार की लड़ाई में तब्दील हो गई. पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने शुक्रवार शाम एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस कर मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव और पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव को छह साल के लिए पार्टी से निष्‍कासित कर दिया. उन्‍होंने कहा कि रामगोपाल ने पार्टी को बहुत नुकसान पहुंचाया है. मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव नहीं समझ रहे. रामगोपाल उनका भविष्‍य बर्बाद कर रहे हैं.

वहीं, इस घोषणा के बाद लखनऊ में अख्‍ािलेश के समर्थक सड़कों पर उतर आए. उन्‍होंने अखिलेश के समर्थन में तो शिवपाल के विरोध में खूब नारेबाजी की.

ये निष्‍कासन पूरी तरह से असंवैधानिक- रामगोपाल यादव
पार्टी से निकाले जाने के बाद रामगोपाल यादव ने कहा कि 'ये निष्‍कासन पूरी तरह से असंवैधानिक है. बिना पक्ष सुने कार्रवाई नहीं की जा सकती. सम्‍मेलन तो बुलाया ही जाएगा. नेताजी (मुलायम सिंह) को पार्टी का मालूम नहीं है. इस पार्टी में लगातार शीर्ष स्तर से असंवैधानिक काम हो रहे हैं. अगर पार्टी का अध्यक्ष असंवैधानिक काम करे तो फिर सम्मेलन कौन बुलाएगा? एक भी मीटिंग नहीं हुई तो फिर कैसे पार्टी के उम्मीदवार घोषित किए गए. पार्टी के कार्यकर्ताओं की मांग पर सम्मेलन बुलाया गया.

(ये भी पढ़ें- यादव बनाम यादव की जंग में मुलायम की छोटी बहू अपर्णा की क्या है भूमिका...)

पार्टी में वापस आने के बाद रामगोपाल ने सीधा मुझ पर हमला किया : मुलायम
गौरतलब है कि सपा सुप्रीमो ने कुछ समय पहले भी रामगोपाल को पार्टी से छह साल के लिए निकाल दिया था. इस पर मुलायम ने कहा कि उसके बाद रामगोपाल ने माफी मांग ली थी और अपनी गलती स्‍वीकार कर ली थी. इसलिए उनको माफ कर दिया था, लेकिन अब पार्टी में वापस आने के बाद रामगोपाल ने सीधा मुझ पर हमला किया है. इसको बर्दाश्‍त नहीं किया जा सकता. इसलिए रामगोपाल को पार्टी से निकाला जाता है.

रामगोपाल ने अखिलेश का भविष्‍य खराब किया : सपा प्रमुख
उन्‍होंने आगे कहा, रामगोपाल ने मुझे बिना बताए पार्टी का अधिवेशन बुलाने का फैसला लिया. जबकि इस तरह का फैसला लेने का अधिकार केवल राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष को है. उन्‍होंने अखिलेश पर तंज कसते हुए कहा कि मैं भी मुख्‍यमंत्री रहा लेकिन कभी इस तरह का मामला कभी नहीं रहा. मेरे समय में ऐसी कोई बात नहीं रही. रामगोपाल ने अखिलेश का भविष्‍य खराब किया. अखिलेश को भी अनुशासनहीनता की वजह से छह साल के लिए पार्टी से निकाला जाता है.  

मुलायम बोले, मुख्यमंत्री कौन होगा, यह हम तय करेंगे
इसके साथ ही रामगोपाल के पार्टी सम्मेलन को असंवैधानिक करार देते हुए मुलायम सिंह ने सपा कार्यकर्ताओं से उस सम्मेलन में भाग नहीं लेने की अपील की. उन्होंने साथ ही यह भी जोड़ा कि आगामी चुनाव में सपा की तरफ से मुख्यमंत्री कौन होगा, यह हम तय करेंगे. साथ ही यह भी कहा कि यदि अखिलेश अपना भविष्य खुद खराब करने पर तुले हैं तो उसमें कोई क्या कर सकता है. मेरा लक्ष्‍य पार्टी को बचाना है, इसलिए यह कार्रवाई की.

अखिलेश और रामगोपाल को जारी किया था नोटिस
इससे पूर्व पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने अलग से उम्‍मीदवारों की लिस्‍ट जारी करने पर शुक्रवार को सीएम अखिलेश यादव और पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और उनसे पूछा है कि क्‍यों न अनुशासनहीनता पर कार्रवाई की जाए. अखिलेश ने कल 235 उम्‍मीदवारों की सूची जारी की थी और पार्टी ने इसे अनुशासनहीनता माना है. वहीं, रामगोपाल यादव ने आगामी एक जनवरी को पार्टी के राष्ट्रीय प्रतिनिधियों का आपातकालीन सम्मेलन बुलाकर किसी निर्णायक फैसले की संभावनाओं को हवा दे दी।

एक आदमी सपा में पूरे विवाद की जड़ : रामगोपाल यादव
वहीं, रामगोपाल यादव ने सपा में मचे घमासान पर कहा है कि पार्टी का एक आदमी सपा में पूरे विवाद की जड़ है. हालांकि उस नेता की हैसियत 10 वोट दिलाने की भी नहीं है. रामगोपाल ने खुलकर अखिलेश की तरफदारी करते हुए कहा कि वह अगले 10 सालों में देश के सबसे बड़े नेता होंगे.

उधर, सियासी शतरंज पर राज्य के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी बड़ा दांव खेल रहे हैं. यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी कोर ग्रुप की बैठक बुलाई है. वहीं, शिवपाल यादव ने आज मुलायम सिंह से मुलाकात की. इसके साथ ही मुलायम सिंह यादव ने जिन 395 उम्मीदवारों को टिकट दिया है उनको शनिवार सुबह 10.30 बजे बैठक के लिए बुलाया है. इसके साथ ही इसे अखिलेश यादव के कथित लिस्ट जारी करने के बाद शक्ति परीक्षण के रूप में भी देखा जा रहा है और सपा में जारी घमासान के बीच दोनों धड़ों में इसे वर्चस्व की जंग माना जा रहा है.

उल्लेखनीय है कि अपने कई करीबियों के टिकट काटे जाने से नाराज अखिलेश यादव ने गुरुवार को 235 उम्मीदवारों की एक नई लिस्ट जारी कर दी, जिनमें मंत्री अरविंद सिंह गोप, पवन पांडे, राम गोविंद चौधरी का नाम हैं. ये उन लोगों के नाम हैं जिनके टिकट मुलायम सिंह यादव ने काट दिए थे हालांकि अखिलेश यादव की ओर से अभी इस लिस्ट की पुष्टि नहीं की गई है और न ही इस पर उनके दस्तखत हैं. इसके तुरंत बाद मुलायम ने 68 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट भी जारी कर दी है. इस लिस्ट में भी अखिलेश के कुछ समर्थकों का टिकट काट दिया गया है.

अखिलेश ने दिया साथ देने का भरोसा
इससे पहले गुरुवार को अखिलेश यादव के समर्थक पूरे दिन 325 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करने के मुलायम सिंह के फैसले के खिलाफ अखिलेश के बंगले के बाहर नारेबाज़ी करते रहे. अखिलेश अपने समर्थकों के टिकटों की पैरवी के लिए मुलायम से मिलने पहुंचे, जहां मुलायम अखिलेश और शिवपाल में घंटों मीटिंग चली, लेकिन बैठक बेनतीजा रही. बाद में अखिलेश ने अपने करीबी मंत्रियों, विधायकों के साथ मुलाक़ात कर उनका साथ देने का भरोसा दिया.
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सभी से राय लेने के बाद टिकट बंटवारे का फैसला लिया गया : शिवपाल
टिकट बंटवारे को लेकर शिवपाल यादव ने एनडीटीवी से खास बातचीत में कहा कि टिकट बंटवारे में सभी की राय शामिल हैं. सभी से राय लेने के बाद फैसला किया गया. जीतने वाले प्रत्याशी की पहचान की गई. लिस्ट नेताजी ने रखी है तो उन्हें सुझाव दे सकते हैं.

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की उपेक्षा नहीं की जा सकती : शिवपाल
शिवपाल ने यह भी कहा कि अखिलेश यादव की उपेक्षा नहीं की जा सकती. मुख्यमंत्री नेताजी को अपनी राय दे सकते हैं. ज्यादा से ज्यादा लोगों को टिकट देने की कोशिश की गई. सीएम की राय पर विचार और लिस्ट बदलना मुश्किल है. साफ सुथरी छवि और जीतने वालों को प्राथमिकता दी गई है. जल्द ही बाकी उम्मीदवारों की लिस्ट भी सामने आएगी.

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