सलमान खान शिकार मामले का पूरा सच, जानिए मामले की हर महत्वपूर्ण तारीख

सलमान खान की फाइल तस्वीर

मुंबई:

काले हिरण शिकार केस में सलमान ख़ान की किस्मत अदालत के आदेश और अपील की फ़ाइलों में बंद है। अब आज इस मामले से जुड़े अवैध हथियार केस में कोर्ट फ़ैसला सुनाने जा रहा है। इन 16 सालों में सलमान के शिकार मामले ने कैसी कैसी करवटें लीं, आइए जानते हैं।

सितंबर,1998 में राजस्थान में सूरज बड़जात्या की फ़िल्म 'हम साथ साथ हैं' की शूटिंग चल रही थी। फ़िल्म में मुख्य भूमिकाएं निभा रहे अभिनेता सलमान ख़ान, सैफ़ अली ख़ान, सोनाली बेंद्रे और तब्बू और नीलम पर संरक्षित जानवर काले हिरण के शिकार का आरोप लगा।

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शिकार मामले में सलमान पर चार केस दर्ज हुए। पहला, मथानिया और भवाद में दो चिंकारा के शिकार के लिए दो अलग-अलग मामले, तीसरा कांकाणी में काले हिरण का शिकार और .32 और .22 बोर रायफ़ल लाइसेंस समाप्ति के बाद भी रखने के आरोप में सलमान पर आर्म्स एक्ट के तहत चौथा मामला दर्ज किया गया, जिसमें 16 गवाहों के बयान दर्ज किए गए। इन दोनों हथियारों की लाइसेंस अवधि 22 सितंबर 1998 को ही समाप्त हो चुकी थी। शिकार प्रकरण की तारीखें 27 सितंबर, 28 सितंबर, 1 अक्टूबर, 2 अक्टूबर की रात बताई गई।

12 अक्टूबर, 1998 को सलमान ख़ान की गिरफ्तारी हुई। एक दिन बाद यानी 13 अक्टूबर, 1998 को जोधपुर के वन्य विभाग के दफ्तर में जांच अधिकारियों ने सलमान ख़ान और गवाहों के बयान दर्ज किए। बयान दर्ज करने का ये पूरा सिलसिला कैमरे में क़ैद हुआ। 17 अक्टूबर, 1998 को सलमान बेल पर जोधपुर जेल से रिहा हुए।

7 फ़रवरी, 2006 को निचली अदालत ने भवाद गांव की सरहद पर चिंकारा शिकार मामले में वन्य जीव संरक्षण कानून के तहत सलमान को शिकार का दोषी करार देते हुए 1 साल जेल और पांच हज़ार रुपये जुर्माने की सज़ा सुनाई।

10 अप्रैल, 2006 को जोधपुर की अदालत ने दूसरे चिंकारा मामले में सलमान को दोषी करार देते हुए वन्य जीवन क़ानून की धारा 51 और 52 के तहत पांच साल जेल और 25 हज़ार रुपये के जुर्माने की सज़ा सुनाई।

24 अगस्त, 2007 को जोधुपर के सेशन कोर्ट ने निचली अदालत से मिली सज़ा की पुष्टि की। तब छह दिनों तक यानी 26 अगस्त से 31 अगस्त, 2007 तक सलमान जेल में रहे। 31 अगस्त, 2007 को राजस्थान हाईकोर्ट ने सलमान की सज़ा को निलंबित कर दिया। 24 जनवरी, 2013 को सलमान को राहत देते हुए आर्म्स एक्ट के तहत सुप्रीम कोर्ट ने 'रायटिंग विद डेडली वेपन' यानी 'दंगे के लिए धारदार हथियार का उपयोग' जैसी गंभीर धारा को हटा दिया।

12 नवंबर, 2013 को सलमान को दोषी ठहराए जाने के निचली अदालत के फ़ैसले को भी निलंबित कर दिया गया, क्योंकि इससे सलमान की विदेश यात्राओं में बाधा आ रही थी। राजस्थान सरकार हाईकोर्ट के फ़ैसले के खिलाफ़ सुप्रीम कोर्ट गई।

14 जनवरी, 2015 को सुप्रीम कोर्ट ने सज़ा पर लगी रोक का आदेश रद्द कर दिया और हाईकोर्ट को केस पर नए सिरे से विचार करने को कहा। काले हिरण का शिकार मामला फ़िलहाल सीजीएम कोर्ट में लंबित है।