बहुचर्चित बटला हाउस एनकाउंटर केस (Batla House encounter case) में साकेत कोर्ट का फैसले में आरोपी आरिज़ खान को दोषी ठहराया गया है. उसकी सजा पर 15 मार्च को फैसला होगा. गौरतलब है कि इससे पहले, 2013 में शहजाद अहमद को सज़ा हो चुकी है. दोनों बटला हाउस एनकाउंटर के बीच भाग गए थे. इनके दो आतंंकी साथी आतिफ आमीन, मोहम्मद साजिद मारे गए थे जबकि मोहम्मद सैफ पकड़ा गया था. दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर मोहनचंद शर्मा इसमें शहीद हो गए थे जबकि 2 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे.
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— Mukesh singh sengar मुकेश सिंह सेंगर (@mukeshmukeshs) March 8, 2021
बटला हाउस एनकाउंटर
साकेत कोर्ट ने आरिज़ खान को दोषी करार दिया
15 मार्च को सज़ा का ऐलान होगा
एनकाउंटर के दौरान शहज़ाद और आरिज़ भाग गए थे
जबकि इनके 2 साथी मारे गए थे और एक पकड़ा गया था pic.twitter.com/OUCEeFDCuw
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गौरतलब है कि वर्ष 2008 में दिल्ली ,जयपुर,अहमदाबाद और यूपी की अदालतों में हुए धमाकों का आरिज खान मुख्य साज़िशकर्ता है.इन धमाकों में 165 लोग मारे गए थे और 535 लोग घायल हो गए थे. तब इस पर 15 लाख रुपये का इनाम था और इसके खिलाफ इंटरपोल के जरिये रेड कॉर्नर नोटिस निकला हुआ था. आजमगढ़ के रहने आरिज़ खान उर्फ जुनैद को स्पेशल सेल की टीम ने फरवरी 2018 में गिरफ्तार किया था. इसके पकड़े जाने से इंडियन मुजाहिद्दीन को दुबारा खड़ा करने के इसके मंसूबे ध्वस्त हो गए थे.
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स्पेशल सेल को पता चला कि प्रतिबंधित संगठन सिमी और इंडियन मुजाहिद्दीन के लोग नेपाल से युवाओं को देश मे अवैध गतिविधियों के लिए तैयार कर रहे हैं. इसके बाद सिमी से जुड़े अब्दुल सुहान उर्फ तौकीर को जनवरी 2018 में गिरफ्तार किया गया. तौकीर ने आरिज़ खान के बारे में कई अहम जानकारियां दी थीं. इसी जानकारी के बाद पता चला कि आरिज़ खान 13 फरवरी 2018 को भारत नेपाल सीमा के बनबसा बॉर्डर से अपने किसी साथी से मिलने यूपी आने वाला है. सूचना पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया था.आरिज़ ने मुजफ्फरनगर के एसडी कॉलेज से बीटेक की पढ़ाई की है और वह आरिज़ बम बनाने में माहिर था. धमाकों के बाद आरिज़ नेपाल भाग गया गया और वहां की नागरिकता हासिल कर सलीम नाम से रह रहा था,उसने इसी नाम से पासपोर्ट बनवाया हुआ था.
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आरिज ने नेपाल में एक रेस्टोरेंट खोला था और इसके अलावा वह वहां पर पढ़ाता भी था. वह नेपाल में 2014 तक रहा, इस दौरान वह रियाज़ भटकल के संपर्क में आया. रियाज़ ने उसे इंडियन मुजाहिद्दीन को दुबारा खड़ा करने के लिए सऊदी अरब बुलाया. वह 2014 में सऊदी अरब गया और वहां एक मजदूर बनकर सिमी और आईएम के लोगों से मिलता रहा. वर्ष 2017 में वो सऊदी अरब से वापस लौटा. फिर वह भारत मे इंडियन मुजाहिद्दीन को खड़ा करने के लिए नेपाल से गतिविधियां चला रहा था और 2018 में इसी सिलसिले में भारत आते वक्त पकड़ा गया. आरिज़ को जिहाद के लिए आतिफ अमीन ने प्रेरित किया था.
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