खास बातें
- संघ परिवार में गुरुवार को उस समय मतभेद नजर आए जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने ‘हिन्दू आतंकवाद’ संबंधी टिप्पणी को लेकर गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे के खेद को स्वीकार करने से इनकार कर दिया जबकि भारतीय जनता पार्टी इस मामले में खत्म मान चुकी है।
नई दिल्ली: संघ परिवार में गुरुवार को उस समय मतभेद नजर आए जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने ‘हिन्दू आतंकवाद’ संबंधी टिप्पणी को लेकर गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे के खेद को स्वीकार करने से इनकार कर दिया जबकि भारतीय जनता पार्टी इस मामले में खत्म मान चुकी है।
आरएसएस प्रवक्ता राम माधव ने ट्विटर पर लिखा कि शिंदे द्वारा जयपुर में की गईं टिप्पणियां आपत्तिजनक और अपमानजनक हैं। उन्होंने केवल खेद जताया है। उन्हें माफी मांगनी चाहिए थी और उन्हें पाकिस्तान के आतंकवादियों की निंदा करनी चाहिए थी।
माधव ने कहा कि शिंदे को जयपुर में एक महीने पहले की गईं टिप्पणियों के लिए कम से कम ‘सॉरी’ बोलना चाहिए था।
गौरतलब है कि शिंदे की इन टिप्पणियों से उनके और संघ परिवार के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो गई थी और भाजपा ने उनका बहिष्कार करने की धमकी तक दे दी थी।
आरएसएस के प्रवक्ता के बयान भाजपा के रूख से विपरीत हैं क्योंकि भाजपा ने शिंदे के खेद को स्वीकार कर लिया है।
भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी ने इस संबंध में कहा कि पार्टी ने शिंदे से संबंधित इस मामले को खत्म करने का फैसला किया है।
संसद में संभावित गतिरोध खत्म करने के प्रयास में शिंदे ने कल एक बयान जारी करके अपनी टिप्पणी को लेकर खेद जताया था और कहा था कि उनके बयान को गलत तरीके से लिया गया।
शिंदे के खेद को स्वीकार करने से इंकार करते हुए आरएसएस प्रवक्ता ने कहा कि उनकी टिप्पिणयों से भारत को क्षति पहुंची है और इससे देश के खिलाफ मौजूद तत्वों को मजबूती मिली है लेकिन उन्होंने उनके बारे में एक शब्द भी नहीं कहा।