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This Article is From Apr 17, 2019

मालेगांव ब्‍लास्‍ट से लेकर राजनीति तक, जानिए साध्‍वी प्रज्ञा के बारे में 11 बातें

29 सितंबर 2008 को महाराष्‍ट्र के मालेगांव (Malegaon Blast) में एक बाइक में लगाए गए दो बमों के फटने की वजह से सात लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 100 से ज्‍यादा घायल  हो गए थे. मालेगांव मुंबई से 270 किमी दूर है.

मालेगांव ब्‍लास्‍ट से लेकर राजनीति तक, जानिए साध्‍वी प्रज्ञा के बारे में 11 बातें
बीजेपी में शामिल हुईं Sadhvi Pragya
नई दिल्ली:

मालेगांव ब्‍लास्‍ट (Malegaon Blast) की आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर (Sadhvi Pragya Singh Thakur) बीजेपी में शामिल हो गईं हैं. साध्‍वी प्रज्ञा मध्‍य प्रदेश की भोपाल संसदीय सीट से कांग्रेस उम्‍मीदवार दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) के खिलाफ चुनावी मैदान में उतर रही हैं. बीजेपी में शामिल होने के बाद उन्‍होंने साफ तौर से कहा है कि वे चुनाव लड़ेंगी और जीतेंगी भी. आपको बता दें कि मालेगांव ब्‍लास्‍ट (Malegaon Blast) के अलावा साध्‍वी प्रज्ञा का नाम आरएसएस नेता सुनील जोशी हत्‍याकांड (RSS Leader Sunil Joshi) में भी आ चुका है. अपने भड़काऊ भाषणों की वजह से भी वह सुर्खियों में रह चुकी हैं. यहां जानिए उनसे जुड़ी खास 11 बातें...

मालेगांव विस्फोट की आरोपी साध्वी प्रज्ञा बीजेपी में शामिल, दिग्विजय सिंह के खिलाफ भोपाल से लड़ सकती हैं चुनाव

1. साध्वी प्रज्ञा मध्य प्रदेश के चंबल इलाके के भिंड में पली बढ़ींं. उनके पिता आरएसएस के स्वयंसेवक और पेशे से आयुर्वेदिक डॉक्टर थे. आरएसएस से उनका झुकाव बचपन से ही रहा.

2. साध्वी प्रज्ञा आरएसएस की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (Akhil Bhartiya Vidhyarthi Parishad) की सक्रिय सदस्य रहीं. विश्व हिन्दू परिषद (Hindu Vishwa Parishad) की वह महिला विंग दुर्गा वाहिनी से भी जुड़ींं.

3. 2002 में साध्वी प्रज्ञा ने 'जय वंदे मातरम जन कल्याण समिति' (Jai Vande Matram Jan Kalyan Samiti) बनाई. वहीं, स्वामी अवधेशानंद (Swami Avdheshanand) से प्रभावित होकर उन्होंने संन्‍यास ले लिया. स्वामी अवधेशानंद का राजनीति में काफी नाम था, इनसे जुड़ने के बाद साध्वी प्रज्ञा भी राजनीति में आईं.

4. साध्‍वी प्रज्ञा की जिंदगी तब एकदम बदल गई जब उनका नाम मालेगांव ब्‍लास्‍ट (Malegaon Blast) में सामने आया. उन्‍हें बम ब्‍लास्‍ट में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया. साध्‍वी के अलावा लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित (Lieutenant Colonel Shrikant Purohit) को भी इस मामले में गिरफ्तार किया गा था. आपको बता दें कि 29 सितंबर 2008 को महाराष्‍ट्र के मालेगांव में एक बाइक में लगाए गए दो बमों के फटने की वजह से सात लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 100 से ज्‍यादा घायल  हो गए थे. मालेगांव मुंबई से 270 किमी दूर है. फिलहाल साध्‍वी प्रज्ञा और लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित दोनों बेल पर हैं.

5. हालांकि बाद में कोर्ट ने साध्‍वी प्रज्ञा के ऊपर से मकोका (MCOCA) हटा लिया, लेकिन उन पर गैर-कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत मामला चला.   

6. साल 2017 में मध्‍य प्रदेश की देवास कोर्ट ने साध्‍वी प्रज्ञा को आरएसएस प्रचारक सुनील जोशी हत्‍यकांड से बरी कर दिया था. आपको बता दें कि 29 दिसंबर 2007 को सुनील जोशी (Sunil Joshi) की गोली मारकर हत्‍या कर दी गई थी. इस हत्‍याकांड में साध्‍वी प्रज्ञा के अलावा सात अन्‍य लोगों के नाम सामने आए थे.

7. प्रज्ञा 9 सालों तक जेल में रहीं और फिलहाल जमानत पर बाहर हैं. बाहर आने के बाद उन्होंने ब्लास्ट के बाद लगातार 23 दिनों तक हुई यातना के बारे में बताया. साध्वी प्रज्ञा ने आरोप लगाया कि तत्कालीन गृहमंत्री पी. चिदंबरम (Home Minister P Chidambaram) ने उन्हें झूठे केस में फंसाया.

8. प्रज्ञा भोपाल के लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हैं. उनके सत्‍संग सुनने के लिए हजारों लोगों की भीड़ जुटती है. 

9. साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को इस साल आयोजित हुए प्रयागराज कुंभ (Kumbh) के दौरान 'भारत भक्ति अखाड़े' (Bharat Bhakti Akhara) की आचार्य महामंडलेश्वर बनाया गया. प्रज्ञा ठाकुर अब आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी पूर्णचेतनानंद गिरी के नाम से जानी जाती हैं.

10. मालेगांव ब्‍लास्‍ट में साध्‍वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित का नाम आने के बाद तत्‍काली यूपीए सरकार ने इसे 'भगवा आतंकवाद' की संज्ञा दी. 'भगवा आतंकवाद' की पुरजोर आलोचना करने वालों में दिग्विजय सिंह काफी मुखर थे.

11. साध्‍वी प्रज्ञा इस बार भोपाल से चुनाव लड़ेंगी. वहीं, कांग्रेस ने इस सीट से अनुभवी दिग्‍विजय सिंह को मैदान में उतारा है. आपको बता दें कि मुस्लिम वोटरों की भारी तादाद के बावजूद 1989 से बीजेपी कभी भी भोपाल सीट नहीं हारी. मध्‍य प्रदेश के मुख्‍यमंत्री कमलाथ (Chief Minister Kamal Nath) ने दिग्विजय से भोपाल या इंदौर जैसी मुश्किल सीट से चुनाव लड़ने के लिए कहा था. इसके बाद दिग्विजय सिंह ने चुनौती स्‍वीकार कर ली. विश्‍लेषकों का अनुमान है कि मजबूत कांग्रेस दावेदार के खिलाफ साध्‍वी प्रज्ञा को उतारकर बीजेपी ध्रुवीकरण की उम्‍मीद कर रही है.

VIDEO: मालेगांव ब्लास्ट केस : साध्वी प्रज्ञा और श्रीकांत पुरोहित पर मकोका नहीं

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