लंबे अरसे बाद राज्यसभा में नजर आए सचिन तेंदुलकर, सांसद नरेश अग्रवाल ने उठाया था सवाल

जारी मानसून सत्र में पहली बार राज्यसभा में आए मास्टर ब्लास्टर

लंबे अरसे बाद राज्यसभा में नजर आए सचिन तेंदुलकर, सांसद नरेश अग्रवाल ने उठाया था सवाल

सचिन तेंदुलकर जारी मानसून सत्र में पहली बार राज्यसभा में आए.

खास बातें

  • मनोनीत सदस्यों की पंक्ति में सचिन के साथ बैठी थीं मैरी कॉम
  • सपा के नरेश अग्रवाल ने सचिन और रेखा के न आने पर किया था सवाल
  • नरेश अग्रवाल ने कहा था कि ऐसे सदस्यों को निकाल क्यों नहीं दिया जाता
नई दिल्ली:

मास्टर ब्लास्टर और राज्यसभा के मनोनीत सदस्य सचिन तेंदुलकर जारी मानसून सत्र में पहली बार उच्च सदन में दिखाई दिए. वे प्रश्नकाल के दौरान पूरे समय सदन में रहे. हाल ही में राज्यसभा में समाजवादी पार्टी के सांसद नरेश अग्रवाल ने सचिन तेंदुलकर और अभिनेत्री रेखा की सदन में गैरमौजूदगी को लेकर सवाल उठाए थे.  

सचिन तेंदुलकर आज उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान आए. उन्होंने पूरा प्रश्नकाल काफी गौर से देखा. इस दौरान मनोनीत सदस्यों की पंक्ति में उनके साथ मशहूर महिला मुक्केबाज मैरी कॉम भी बैठी हुई थीं. हालांकि दोनों के बीच कोई बातचीत नहीं हुई.

सदन में बीच-बीच में मशहूर फिल्म अभिनेत्री रेखा, तेंदुलकर एवं अन्य नामी विख्यात हस्तियों एवं मनोनीत सदस्यों के सदन में प्राय: नहीं आने का मुद्दा उठता रहा है. वर्तमान सत्र में भी सपा के नरेश अग्रवाल सहित कुछ अन्य सदस्यों ने इसी मुद्दे को उठाया था.

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पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर और अभिनेत्री रेखा राज्यसभा के मनोनीत सदस्य हैं और वे राज्यसभा में बहुत कम आते हैं. इस मामले में सांसद नरेश अग्रवाल ने  कहा था कि अगर सचिन तेंदुलकर और रेखा सदन में नहीं आ रहे हैं तो उन्हें क्यों नहीं निकाल दिया जाता. हालांकि इससे पहले भी नरेश अग्रवाल ने यही मांग की थी. तब उन्होंने कहा था कि इसका मतलब है कि वे (सचिन और रेखा) गंभीर नहीं हैं. तब उन्होंने दोनों से इस्तीफा मांगा था.  

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नरेश अग्रवाल ने सदन में यह मुद्दा उठाया था और कहा था कि संवैधानिक व्यवस्था के तहत राज्यसभा में 12 सदस्य मनोनीत किए जाते हैं. उन्होंने कहा था कि क्रिकेट और फिल्म सहित विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को मनोनीत किया जाता है, लेकिन ऐसे कई सदस्य सदन में नहीं आ रहे हैं.

VIDEO : आते नहीं तो इस्तीफा दे दें...


तेंदुलकर को 27 अप्रैल 2012 को उच्च सदन में मनोनीत किया गया था. उनका कार्यकाल 26 अप्रैल 2018 को समाप्त हो रहा है.
(इनपुट एजेंसी से)


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