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This Article is From Jul 24, 2020

CM अशोक गहलोत का एक ऐलान, सचिन पायलट के लिए बड़ी मुश्किल लेकर आ रहा है?

राजनीति में जादूगर कहे जाने वाले राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने गुरुवार को ऐलान किया है कि वह जल्द ही विधानसभा सत्र बुलाने वाले हैं. दरअसल सीएम गहलोत का यह ऐलान राजस्थान की राजनीति में मौजूदा मची उथल-पुथल को देखते हुए सामान्य नहीं है.

CM अशोक गहलोत का एक ऐलान, सचिन पायलट के लिए बड़ी मुश्किल लेकर आ रहा है?
सचिन पायलट के लिए अब आर या पार वाली स्थिति बन रही है.
नई दिल्ली:

राजनीति में जादूगर कहे जाने वाले राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने गुरुवार को ऐलान किया है कि वह जल्द ही विधानसभा सत्र बुलाने वाले हैं. दरअसल सीएम गहलोत का यह ऐलान राजस्थान की राजनीति में मौजूदा मची उथल-पुथल को देखते हुए सामान्य नहीं है. गुरुवार को उन्होंने राज्यपाल कलराज मिश्रा से मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि वह विधानसभा का सत्र बुलाएंगे.  इसके साथ ही उन्होंने यह भी दावा है किया कि उनके पास सदन में साबित करने के लिए बहुमत है. हालांकि राज्यपाल से मुलाकात में उन्होंने इस सदन बुलाने पर तो चर्चा की लेकिन लिखित तौर पर कुछ नहीं कहा है.  वहीं सचिन पायलट (Sachin Pilot) को बड़े ही कानून की लड़ाई में राहत मिल रही है. लेकिन गहलोत का यह सियासी दांवपेंच सचिन पायलट के लिए बड़ी मुश्किल साबित होने जा रहा है. माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट में हुई बहस के रुख को देखते हुए सीएम गहलोत ने यह फैसला किया है. अगर हाईकोर्ट से सचिन पायलट को राहत मिल भी जाती है तो भी विधानसभा सदस्य होने के नाते उन्हें पार्टी के व्हिप का पालन करते हुए विधानसभा की कार्रवाई में हिस्सा लेने आने पड़ेगा. 

माना जा रहा है कि सीएम अशोक गहलोत विधानसभा में विश्वास मत या पेंडिग पड़े बिलों को पास कराने का निर्णय ले सकते हैं. दल-बदल कानून के तहत अगर पार्टी का विधायक व्हिप का उल्लंघन करते हुए बिल के खिलाफ वोट देता है तो उसे विधानसभा अध्यक्ष उसके खिलाफ अयोग्यता ठहराने की कार्रवाई कर सकते हैं और यह मामला तब कोर्ट में भी सुना जाएगा क्योंकि यह कार्रवाई कानून सम्मत होती है. 

वहीं सचिन पायलट जो कि कांग्रेस और गांधी परिवार के प्रति थोड़ नरम रुख अपनाए हुए हैं इस स्थिति में उनके सामने एक ही विकल्प रह जाता है कि या तो वो और उनके समर्थित विधायक पार्टी के पक्ष में वोट करें या फिर विधानसभा अध्यक्ष की कार्रवाई का सामना करें. वहीं उनके सामने एक खतरा भी ये भी जयपुर पहुंचने पर सीएम अशोक गहलोत उनको विधायकों के खरीद-फरोख्त के मामले में एसओजी के सामने भी बैठवा सकते हैं क्योंकि गहलोत का रुख देखते हुए ऐसा लगता नहीं है कि वो सचिन पायलट को इतनी आसानी से बख्शने वाले हैं. 

जल्द ही विधानसभा का सत्र बुलाया जाएगा : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत​

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