यह ख़बर 15 अप्रैल, 2012 को प्रकाशित हुई थी

मोदी की राष्ट्रीय भूमिका की प्रतीक्षा कर रहा है देश : संघ

खास बातें

  • राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कहना है कि नरेंद्र मोदी को अब और अग्नि परीक्षा देने की जरूरत नहीं है तथा देश गुजरात से बाहर उनकी राष्ट्रीय भूमिका की प्रतीक्षा कर रहा है।
नई दिल्ली:

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कहना है कि गुजरात दंगों के मामले में विशेष जांच दल की ओर से नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट मिलने के बाद अब उन्हें और अग्नि परीक्षा देने की जरूरत नहीं है तथा देश गुजरात से बाहर उनकी राष्ट्रीय भूमिका की प्रतीक्षा कर रहा है।

संघ के मुखपत्र पाञ्चजन्य के संपादकीय में कहा गया है कि गुजरात दंगों के दौरान अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसायटी में 69 लोगों के जिंदा जलाए जाने की घटना के बारे में उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) की रिपोर्ट में मोदी सहित 62 लोगों को क्लीन चिट दिया जाना उन मोदी विरोधियों के मुंह पर तमाचा है, जो गत 10 साल से मनगढ़ंत और झूठे आरोप लगाकर गुजरात दंगों को लेकर मोदी की राक्षसी छवि बनाने में लगे हैं।

सोनिया गांधी और राहुल गांधी को आड़े हाथ लेते हुए इसमें कहा गया है कि संप्रग अध्यक्ष द्वारा कभी मोदी को ‘मौत का सौदागर’ कहा जाना आज कांग्रेस को ही मुंह चिढ़ा रहा है, जब एक सर्वेक्षण में देश के प्रधानमंत्री पद के लिए मोदी को 24 प्रतिशत लोगों ने और कांग्रेस के ‘तारणहार’ माने जाने वाले ‘युवराज’ राहुल गांधी को महज 17 प्रतिशत लोगों ने ही पसंद किया।

मुस्लिमों के बीच भी मोदी की लोकप्रियता बढ़ने का दावा करते हुए संपादकीय में कहा गया है, ‘‘यहां तक कि अमेरिका की टाइम पत्रिका भी मोदी को भारत के अगले प्रधानमंत्री के रूप में देख रही है, जो राहुल के मुकाबले बहुत मजबूत दावेदार हैं। ...अब देश की जनता गुजरात के बाहर मोदी की राष्ट्रीय भूमिका की प्रतीक्षा कर रही है।’’

संघ के मुखपत्र में कहा गया है कि अमेरिका की इस विश्व प्रसिद्ध पत्रिका में मोदी के कामकाज पर आवरण कथा प्रकाशित किया जाना और उन्हें दुनिया की प्रमुख एवं प्रभावी हस्तियों में गिना जाना उन पर (मोदी पर) जबर्दस्ती थोपी गई उनकी ‘मुस्लिम विरोधी खलनायक’ की छवि का करारा जवाब है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने गुजरात दंगों के समय कभी मोदी को ‘राजधर्म’ निभाने की सलाह दी थी, हालांकि संपादकीय में कहा गया है, ‘‘दुष्प्रचार से बेपरवाह मोदी गुजरात में सुशासन, विकास व सामाजिक सद्भाव निर्माण के अपने राजधर्म में पूरी तन्मयता से लगे हैं।’’ इसमें कहा गया कि इसका परिणाम सामने है कि मोदी विरोधी अलग-थलग पड़ गए हैं, उनकी विश्वसनीयता खत्म हो गई है और गुजरात पूरी तरह इस हिन्दुत्वनिष्ठ, समाजसेवी व कुशल प्रशासक राजनेता के साथ खड़ा है।

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‘मोदी की और कितनी अग्नि परीक्षाएं’ शीषर्क से प्रकाशित इस संपादकीय में कहा गया है कि एसआईटी की रिपोर्ट के बाद कम से कम अब मोदी के खिलाफ इस दुष्प्रचार को समाप्त होना चाहिए, क्योंकि कई मौकों पर यह सफेद झूठ उजागर हो चुका है।
पाञ्चजन्य ने कहा है, ‘‘प्रधानमंत्री पद के लिए राहुल के मुकाबले मोदी के पक्ष में देश की जनता के होने की सच्चाई के सामने तो कांग्रेस की शह पर जुटी पूरी सेकुलर जमात का मोदी विरोधी दुष्प्रचार का षड्यंत्र ध्वस्त होता दिखाई पड़ रहा है। जिन मोदी के नाम पर मुस्लिमों को बरगलाकर उनके वोट बटोरने की जुगत में ये तत्व जुटे रहते थे, आज वही मोदी अपनी हिन्दुत्वनिष्ठ दृढ़ता व लोकहितकारी प्रशासनिक कौशल के कारण कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती के रूप में खड़े हैं, जिनके सामने कांग्रेसी नेतृत्व बेहद बौना दिखता है। देश की जनता तथा अधिसंख्य मुस्लिमों के बीच भी मोदी की लोकप्रियता का स्तर निरंतर बढ़ रहा है।’’