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This Article is From Jul 03, 2012

इंटरनेट पर जनता की मुक्त राय को रोक रही है संप्रग सरकार : संघ

नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने आरोप लगाया है कि संप्रग सरकार इंटरनेट पर जनता की मुक्त राय को प्रतिबंधित कर रही है विशेषकर सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल को लेकर जनता की राय को दबाने के लिए गूगल जैसी वेबसाइटों से आग्रह किया जा रहा है कि वे इस तरह की सामग्री को हटा लें।

संघ के मुखपत्र 'आर्गेनाइजर' के ताजा अंक के संपादकीय में कहा गया है कि भारत सरकार जनता की आवाज को प्रतिबंधित करना चाह रही है जो इंटरनेट पर सबसे उन्मुक्त रूप से व्यक्त हो रही है। सरकार ने अकेले गूगल को जून से दिसंबर 2011 के बीच सामग्री को हटाने के 96 आग्रह भेजे हैं।

मुखपत्र ने कहा कि गूगल के मुताबिक भारत में सामग्री हटाने के मामले में मिलने वाले आग्रहों की संख्या में 49 फीसदी का इजाफा हुआ है, जो दुनिया में सबसे अधिक है।

संपादकीय में कहा गया कि मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने प्रधानमंत्री को लेकर एक वेब पर आए कार्टून को लेकर गुस्से का इजहार किया था। नाराज नागरिक संप्रग सरकार का मजाक उड़ा रहे हैं, आलोचना और भर्त्सना कर रहे हैं। संघ ने कहा कि यह काम मीडिया का है लेकिन मीडिया चूंकि ऐसा नहीं कर पाई इसलिए जनता अब ऐसा कर रही है।

आर्गेनाइजर का आरोप है कि अखबार की खबरों के मुताबिक सरकार की जांच एजेंसियां अमेरिका के कुछ उन आईपी पतों की पहचान और स्थान का पता लगाने में संलग्न हैं, जहां से सामग्री वेबसाइट पर डाली गई और जो गांधी परिवार विशेषकर सोनिया और उनके बेटे राहुल के लिए रुचिकर नहीं है।

गूगल की मिसाल देते हुए संपादकीय में कहा गया कि अधिकांशतया उस सामग्री को हटाने के आग्रह किए गए, जो राजनीतिक टिप्पणियों के रूप में हैं।

संघ ने कहा कि गूगल को जुलाई से दिसंबर 2011 के बीच यूजर डाटा के लिए 2207 आग्रह और इस्तेमालकर्ता एवं उसके खातों को लेकर 3427 आग्रह हासिल हुए। पाकिस्तान ने इस तरह के दो ही आग्रह किए हैं।

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