राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ(आरएसएस) के सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल ने कहा कि हम धर्मनिरपेक्ष हैं क्योंकि हम हिंदू हैं. हम हिंदू हैं और इसी नाते हम आध्यात्मिक, धार्मिक हैं ये हमारी विशेष पहचान है. हमारा व्यवहार विशेष होना चाहिए. कृष्ण गोपाल ने लखनऊ में आयोजित युवा कुंभ को संबोधित करते हुए कहा कि हिंदू चाहे अमेरिका में रहे या पाकिस्तान में वह सर्वे भवंतु सुखिन: की सोच रखता है. हमारा देश हमारा समाज कैसी स्थिति में है, भविष्य में किस दिशा में जाएगा, इस चिंतन के लिए ऐसे कुंभ का आयोजन होना चाहिए. हमारा देश विश्व पटल पर महान था और अध्यात्म की धारा दूर दूर तक गई.
उन्होंने कहा कि कालांतर में पिछले 800-900 वर्षो में कुंभ में चिंतन की परंपरा लुप्त जैसे होने लगी, हमारे मुख्यमंत्री ने ऐसी योजना बनाई तो काशी, मथुरा, अयोध्या और लखनऊ में अब युवा कुंभ का आयोजन हो रहा है. उन्होंने कहा कि दुष्ट आक्रमणकारियों ने देश की परिस्थिति बदल दी, संपन्नता से भरा देश गरीब देश में बदल गया. विश्व व्यापार में एक फीसदी पर सिमट गया और गरीब देश हो गया.
आरएसएस नेता ने कहा कि अंग्रेजों के काल में भी आध्यात्मिक जागरण जारी था, 1947 में देश स्वतंत्र हुआ। उस समय दुनिया के लोगों को आशंका थी कि देश बचेगा या नहीं. कहा गया कि देश टुकड़ों में बंट जाएगा, बिखर जाएगा, लेकिन इतिहास इस बात का साक्षी है देश एक है.उन्होंने कहा कि हम दुनिया के लोगों को बता देना चाहते हैं हमारे देश की आधारशिला धर्म है, इसलिए लाखों करोड़ों लोग प्रयाग की धरती पर गंगा जल का स्पर्श करने आते हैं.
कृष्ण गोपाल ने कहा कि पराधीनता के कारण अनेक समस्याएं आईं, प्रतिभा का ह्रास, शिक्षण संस्थानों का विनाश, आध्यात्मिक जगत के बारे में खराब बातें आईं, लेकिन लोकमान्य मदन मोहन मालवीय ने आगे बढ़कर अध्यात्म के भाव को जगाने की कोशिश की.
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