New Delhi:
कश्मीर से हिंदुओं के विस्थापित होने के पीछे राजनीति को जिम्मेदार ठहराते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि हिंदू सम्मानित और सुरक्षित होकर अपने घर वापस लौटेंगे। भागवत ने जम्मू-कश्मीर विचार मंच के तत्वावधान में आयोजित शिवरात्रि महोत्सव में उपस्थित कश्मीरी परिवारों को संबोधित करते हुए कहा, सीधी सी बात है कि कश्मीर में रहने वाले लोग कश्मीर में ही रहेंगे। इसे लेकर बेकार में भारी बबाल हो रहा है और उलटी नीति चल रही है क्योंकि इसके पीछे राजनीति आ गई है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र भारत में कश्मीर से चार लाख हिंदू विस्थापित हो गये। अपने घर सम्मान के साथ वापस जाना उनका अधिकार है इसलिए जब तक हिंदू सम्मानित, सुरक्षित नहीं हो जाएं तब तक कश्मीर वापस नहीं जाएं। भागवत ने कहा कि स्वतंत्र भारत में इस तरह की अराजकता हो रही है और कानून की बात आती है तो कहा जाता है वहां धारा 370 है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसी बात है तो धारा 370 को हटाया क्यों नहीं जाता। उस स्थिति को बदलना चाहिए जो आजाद भारत में नागरिकों को सम्मान और सुरक्षा के साथ नहीं रहने देती। भागवत ने कश्मीरी पंडित परिवारों से आह्वान किया कि वे अपनी आने वाली पीढ़ियों में भी इस भाव को बनाये रखें और अपने अधिकारों की लड़ाई जारी रखें। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में कट्टरपंथी लोग हैं जिनके कारण लोगों को विस्थापित होना पड़ता है। भारत में पूर्वांचल में गारो जाति इस व्यथा का उदाहरण है। सारे देश को इस स्थिति को समझना होगा। भाजपा का नाम लिये बिना संघ प्रमुख ने कहा कि इस दिशा में राजनीतिक लोग भी काम कर रहे हैं जो वहां तिरंगा फहराते हैं। एक बार वे सफल हो गये लेकिन दूसरी बार उन्हें सफल नहीं होने दिया गया और कुछ दूरी पर रोक लिया गया। इस मौके पर भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष स्मृति ईरानी ने कहा कि कश्मीरी पंडितों को लेकर नारे दिये जाते हैं लेकिन वे आज तक अपनी वापसी की तैयारी नहीं कर पाए। उन्होंने कहा, लेकिन जब हम अपना संघर्ष जारी रखेंगे तो देश का राजनीतिक दृष्टिकोण बदलेगा और हम अपनी बात मनवाकर रहेंगे। इस अवसर पर सामूहिक शंखनाद भी किया गया। इससे पहले भागवत और स्मृति को परंपरागत कश्मीरी वेशभूषा पहनाकर उनका सम्मान किया गया।