राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े भारतीय किसान संघ ने कहा है कि देश में किसानों को एमएसपी रेट किसानों से एमएसपी रेट पर अनाज की खरीद सुनिश्चित की जाए. इसके लिए एक नया कानून बनना चाहिए. दिल्ली की सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसान आंदोलनकारियों की मुख्या मांगों में MSP की लीगल गारंटी की मांग शामिल है. भारतीय किसान संघ के ऑल इंडिया सेक्रेटरी मोहिनी मिश्रा ने NDTV से कहा कि देश की किसी भी मंडी में किसानो को MSP रेट नहीं मिल रहा है. MSP की गारंटी किसानों को देने के लिए देश में एक नया कानून बनना चाहिए.
भारतीय किसान संघ का मानना है कि समस्या की मूल जड़ देश में मंडिया हैं जहां पर किसानों से न सिर्फ टैक्स वसूला जाता है बल्कि एमएसपी रेट पर खरीद की कोई गारंटी नहीं होती. मोहिनी मिश्रा ने NDTV से कहा, "किसानों से अनाज की खरीद एमएसपी रेट से नीचे देश की किसी भी मंडी के अंदर या बाहर ना हो, इसकी लीगल गारंटी देने के लिए देश में एक नया कानून बनना चाहिए."
मोहिनी मिश्रा कहते हैं कि किसानों से अनाज की खरीद करने वाले व्यापारियों का रजिस्ट्रेशन करके एक नेशनल पोर्टल बने जिससे अनाज बेचने वाला किसान आसानी से पता कर सके कि खरीददार की असली पहचान क्या है.
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आल इंडिया किसान सभा के महासचिव हनन मोल्लाह ने इस मांग का समर्थन किया है, लेकिन साथ ही कहा है कि स्वामीनाथन समिति की सिफारिशों के मुताबिक सरकार को MSP तय करना होगा. MSP खर्चा से डेढ़ गुना होना चाहिए. हनन मोल्लाह ने NDTV से कहा, "देश में सिर्फ ६% किसानों को MSP रेट मिल पाता है. जो MSP दिया जाता है, वो सरकार जो तय करती है उससे 30% से 40% कम होता है. नए कानून में ये प्रावधान भी शामिल करना होगा कि जो MSP रेट पर किसानों से माल नहीं खरीदेगा उसे जेल की सजा मिलेगी."
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