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This Article is From Feb 03, 2014

10.80 रुपये प्रतिदिन? नरेंद्र मोदी की गरीबी रेखा एक मजाक है : अजय माकन

नई दिल्ली:

भाजपा की ओर से पीएम पद के प्रत्याशी नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता अजय माकन ने गुजरात सरकार द्वारा गरीबी के लिए तय मानकों पर प्रश्न उठाते हुए सरकार को संवेदनहीन बताया। कल ही गुजरात सरकार की एक वेबसाइट पर यह कहा गया था कि एक दिन में 10.80 रुपये से ज्यादा कमाने वाला शख्स गरीब नहीं कहलाएगा।

माकन ने कहा कि 10.80 रुपये की गरीबी रेखा तय करना एक मजाक है। उन्होंने कहा कि जब केंद्र ने 32 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से गरीबी रेखा तय की तब मोदी ने इसे मजाक बताया था, अब यह मजाक नहीं तो क्या है। माकन ने कहा कि इस प्रकरण में नरेंद्र मोदी को देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए।

वहीं, गुजरात सरकार ने कल ही स्पष्ट किया ता कि उसने गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों के लिए कोई नए दिशा-निर्देश जारी नहीं किए हैं। उसने कहा कि वह इस तरह का कदम एकपक्षीय ढंग से नहीं उठा सकती।

मीडिया में आई खबरों पर प्रतिक्रिया करते हुए राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति सचिव आरपी गुप्ता ने कहा कि उन्होंने केन्द्र द्वारा 2004 में दोहराए गए दिशा-निर्देशों को महज दोहराया है। खबरों में कहा गया था कि गुजरात सरकार ने बीपीएल परिवारों की पहचान के लिए नए मानक बनाए हैं।

राज्य सरकार की एक विज्ञप्ति के अनुसार योजना आयोग के अनुमानों के तहत केन्द्र गुजरात में 21 लाख बीपीएल परिवारों को रियायती दरों पर राशन मुहैया करा रहा है।

विज्ञप्ति में कहा गया कि यह आंकड़ा पुराने मानकों पर आधारित है और केन्द्र ने दस साल से इसमें सुधार नहीं किया है। गुजरात सरकार 11 लाख अतिरिक्त परिवारों को अपने संसाधनों से राशन दे रही है।

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