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This Article is From Dec 12, 2017

मेरठ में शपथ ग्रहण के दौरान नगर निकाय के नये सदस्यों ने वंदे मातरम पर जमकर बवाल काटा

मेरठ में मेयर और पार्षदों के शपथ ग्रहण के दौरान वंदे मातरम पर विवाद गहराया.

मेरठ में शपथ ग्रहण के दौरान नगर निकाय के नये सदस्यों ने वंदे मातरम पर जमकर बवाल काटा
मेरठ में वंदे मातरम पर बवाल काटते नव निर्वाचित नगर निकाय के सदस्य.
मेरठ: पिछले काफी समय से राष्ट्रगीत वंदे मातरम पर एक विवाद खत्म होता नहीं कि दूसरा विवाद खड़ा हो जाता है. ताजा मामले में उत्तर प्रदेश के मेरठ में नगर निगम में शपथ ग्रहण समारोह के दौरान वंदे मातरम गाने को लेकर हंगामा हो गया. इससे पहले वंदे मातरम विवाद के बीच मेरठ में होने जा रहे मेयर और पार्षदों के शपथ ग्रहण समारोह के शुरू होने से पहले ही बसपा और भाजपा पार्षद के बीच झड़प हो गई. हालंकि, इस झड़प में किसी तरह की हिंसा की बात सामने नहीं आई है, मगर नारेबाजी खूब हुई. 

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बताया जा रहा है कि समारोह स्थल टाउन हॉल के बाहर भाजपाइयों ने बसपा के पोस्टर फाड़ दिए. महिला पार्षदों ने भी जमकर नारेबाजी की. टाउन हॉल के बाहर यातायात रोका गया. बड़ी मुश्किल से मौके पर मौजूद पुलिस हालातों को काबू में कर सकी. कार्यक्रम स्थल के अंदर घुसने के लिए भाजपाइयों की अधिकारियों से भी नोकझोंक हुई. शपथ ग्रहण कार्यक्रम के शुरू होते ही भाजपा के पार्षद खुद खड़े होकर वंदे मातरम गाने लगे. इस दौरान बसपा की मेयर सुनीता वर्मा कुर्सी से खड़ी नहीं हुई. जैसे ही वंदेमातरम भाजपा के पार्षदों ने खत्म किया. उसके बाद भाजपा के पार्षद और उसके नेता मोदी और योगी के समर्थन में नारे लगाने लगे. मौके पर मौजूद अफसरों ने हंगामा कर रहे पार्षदों को किसी तरह समझा-बुझा कर शांत किया जिसके बाद ही महापौर और पार्षदों शपथ-ग्रहण कराई जा सकी.

इस हंगामे पर बसपा महापौर सुनीता वर्मा ने कहा कि संविधान में वंदे मातरम का उल्लेख नहीं है. सदन में वहीं होगा, जो संविधान में लिखा होगा. आगे उन्होंने कहा कि "संविधान के मुताबिक नगर निगम सदन में काम कराए जाएंगे.'

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दरअसल, मीडिया ने मेरठ नगर निगम की मेयर सुनीता वर्मा से मीडिया ने वंदे मातरम कराने को लेकर सवाल किया था. इससे पहले पूर्व मेयर हरिकांत अहलूवालिया ने सदन में ध्वनिमत से वंदेमातरम का प्रस्ताव अपने कार्यकाल में पारित कर दिया था. इसको लेकर मीडिया ने उनसे सवाल किया था. बता दें कि मेरठ नगर निगम बोर्ड में पार्षदों की संख्या 90 है. इनमें भाजपा के 36, बसपा के 28, सपा के 4,कांग्रेस के 2, रालोद और एमआईएम के एक-एक पार्षद जीत कर आये हैं.

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