मुंबई में एक समारोह में रोहित वेमुला की मां और भाई ने बौद्ध धर्म अपना लिया
मुंबई:
दलित छात्र रोहित वेमुला की खुदकुशी के करीब तीन महीने बाद उसके परिवार ने गुरुवार को बौद्ध धर्म ग्रहण कर लिया। हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के शोध छात्र रोहित ने जनवरी में आत्महत्या कर ली थी, जिसे लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए थे। रोहित के भाई ने कहा कि वे दमनकारी जाति व्यवस्था से आजादी चाहते हैं।
डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 125वीं जयंती के मौके पर रोहित की मां राधिका और भाई नागा चैतन्य वेमुला, जिसे राजा वेमुला के नाम से भी जाना जाता है, ने डॉ. अम्बेडकर के पौत्र प्रकाश अम्बेडकर की मौजूदगी में यहां एक समारोह में बौद्ध भिक्षुओं से ‘‘दीक्षा’’ ली।
राजा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनडीए सरकार पर निशाना साधते हुए उन पर लोगों का दमन करने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
'हम रोजाना के अपमान से आजाद रहेंगे'
रोहित के भाई ने कहा, ‘‘हम हिंदूवाद में जाति व्यवस्था के खिलाफ हैं इसलिए बौद्ध धर्म को अपनाने का फैसला किया, जिसमें जातियों की इस प्रकार की दमनकारी व्यवस्था नहीं है।’’ उसने कहा, ‘‘हम जाति व्यवस्था से आजादी चाहते हैं।’’ राजा ने समारोह में कहा, ‘‘आज से मेरी मां और मैं शर्म से आजाद रहेंगे, रोजाना के अपमान से आजाद रहेंगे, उस भगवान की पूजा करने की हीनभावना से आजाद रहेंगे जिसके नाम पर सदियों से हमारे ही लोगों को सताया जाता रहा है।’’ दलित महानायक और भारतीय संविधान के शिल्पकार अम्बेडकर ने 1956 में नागपुर में एक विशाल समारोह में बौद्ध धर्म ग्रहण किया था क्योंकि वह हिंदूवाद में जाति व्यवस्था के घोर विरोधी थे।
मेरा भाई दिल से बौद्ध था : राजा वेमुला
राजा वेमुला ने कहा, ‘‘मेरा भाई दिल से बौद्ध था, भले ही उसने इस धर्म की दीक्षा नहीं ली थी। उसने खुद अपनी जान ले ली क्योंकि दलित होने के कारण उसके साथ भेदभाव किया गया था। बौद्ध धर्म के प्रति उसके प्यार का सम्मान करते हुए हमने उसका अंतिम संस्कार बौद्ध परंपराओं के अनुसार किया था।’’ राजा ने कहा, ‘‘रोहित बौद्धवाद के बारे में काफी बात करता था। उसने कुलपति को एक पत्र भी लिखा था कि किस प्रकार परिसर में दलितों के खिलाफ भेदभाव किया जाता है। मेरी मां का मानना है कि रोहित के सम्मान में हमें बौद्ध धर्म अपनाना चाहिए।’’ प्रकाश अम्बेडकर ने बताया कि जब वह हाल ही में हैदराबाद गये थे तो राधिका वेमुला ने उनसे संपर्क कर बौद्ध धर्म ग्रहण करने की इच्छा जताई थी। उसके बाद समारोह आयोजित किया गया। उन्होंने कहा कि पहली बार आजादी और रहने के तरीके को चुनौती दी जा रही है।
प्रकाश ने कहा, ‘‘डॉ. अम्बेडकर भी कैबिनेट में रहते हुए स्वीकार करते थे कि दक्षिणपंथी नेतृत्व बाद में समाज पर अपने विचारों को थोपते हुए कठिनाइयां पैदा करेगा।’’ समारोह में राजा और राधिका वेमुला के साथ रोहित का बचपन का दोस्त रियाज शेख और हैदराबाद विश्वविद्यालय का छात्र सी राजू उपस्थित थे।
रोहित की बड़ी बहन, जो विवाहित हैं, ने बौद्ध धर्म नहीं अपनाया है।
राजा ने कहा, ‘‘मेरा भाई बौद्ध धर्मावलंबी बनना चाहता था। उसने बौद्धवाद को अपनाने की कोशिश की लेकिन कर नहीं सका।’’ राजा ने एक बयान में कहा, ‘‘अगर मेरा भाई जीवित होता तो उसे आज हमारे उठाये कदम पर गर्व होता।’’ उसने कहा, ‘‘आज से मेरी मां और मैं उस तरह का जीवन शुरू करने जा रहे हैं जिसका सपना वह हमेशा से देखता था।’’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 125वीं जयंती के मौके पर रोहित की मां राधिका और भाई नागा चैतन्य वेमुला, जिसे राजा वेमुला के नाम से भी जाना जाता है, ने डॉ. अम्बेडकर के पौत्र प्रकाश अम्बेडकर की मौजूदगी में यहां एक समारोह में बौद्ध भिक्षुओं से ‘‘दीक्षा’’ ली।
राजा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनडीए सरकार पर निशाना साधते हुए उन पर लोगों का दमन करने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
'हम रोजाना के अपमान से आजाद रहेंगे'
रोहित के भाई ने कहा, ‘‘हम हिंदूवाद में जाति व्यवस्था के खिलाफ हैं इसलिए बौद्ध धर्म को अपनाने का फैसला किया, जिसमें जातियों की इस प्रकार की दमनकारी व्यवस्था नहीं है।’’ उसने कहा, ‘‘हम जाति व्यवस्था से आजादी चाहते हैं।’’ राजा ने समारोह में कहा, ‘‘आज से मेरी मां और मैं शर्म से आजाद रहेंगे, रोजाना के अपमान से आजाद रहेंगे, उस भगवान की पूजा करने की हीनभावना से आजाद रहेंगे जिसके नाम पर सदियों से हमारे ही लोगों को सताया जाता रहा है।’’ दलित महानायक और भारतीय संविधान के शिल्पकार अम्बेडकर ने 1956 में नागपुर में एक विशाल समारोह में बौद्ध धर्म ग्रहण किया था क्योंकि वह हिंदूवाद में जाति व्यवस्था के घोर विरोधी थे।
मेरा भाई दिल से बौद्ध था : राजा वेमुला
राजा वेमुला ने कहा, ‘‘मेरा भाई दिल से बौद्ध था, भले ही उसने इस धर्म की दीक्षा नहीं ली थी। उसने खुद अपनी जान ले ली क्योंकि दलित होने के कारण उसके साथ भेदभाव किया गया था। बौद्ध धर्म के प्रति उसके प्यार का सम्मान करते हुए हमने उसका अंतिम संस्कार बौद्ध परंपराओं के अनुसार किया था।’’ राजा ने कहा, ‘‘रोहित बौद्धवाद के बारे में काफी बात करता था। उसने कुलपति को एक पत्र भी लिखा था कि किस प्रकार परिसर में दलितों के खिलाफ भेदभाव किया जाता है। मेरी मां का मानना है कि रोहित के सम्मान में हमें बौद्ध धर्म अपनाना चाहिए।’’ प्रकाश अम्बेडकर ने बताया कि जब वह हाल ही में हैदराबाद गये थे तो राधिका वेमुला ने उनसे संपर्क कर बौद्ध धर्म ग्रहण करने की इच्छा जताई थी। उसके बाद समारोह आयोजित किया गया। उन्होंने कहा कि पहली बार आजादी और रहने के तरीके को चुनौती दी जा रही है।
प्रकाश ने कहा, ‘‘डॉ. अम्बेडकर भी कैबिनेट में रहते हुए स्वीकार करते थे कि दक्षिणपंथी नेतृत्व बाद में समाज पर अपने विचारों को थोपते हुए कठिनाइयां पैदा करेगा।’’ समारोह में राजा और राधिका वेमुला के साथ रोहित का बचपन का दोस्त रियाज शेख और हैदराबाद विश्वविद्यालय का छात्र सी राजू उपस्थित थे।
रोहित की बड़ी बहन, जो विवाहित हैं, ने बौद्ध धर्म नहीं अपनाया है।
राजा ने कहा, ‘‘मेरा भाई बौद्ध धर्मावलंबी बनना चाहता था। उसने बौद्धवाद को अपनाने की कोशिश की लेकिन कर नहीं सका।’’ राजा ने एक बयान में कहा, ‘‘अगर मेरा भाई जीवित होता तो उसे आज हमारे उठाये कदम पर गर्व होता।’’ उसने कहा, ‘‘आज से मेरी मां और मैं उस तरह का जीवन शुरू करने जा रहे हैं जिसका सपना वह हमेशा से देखता था।’’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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